रानीगंज। पश्चिम बंगाल में अपने कार्यों के लिए राज्य में विशेष स्थान रखने वाले व्यवसायिक संगठनों में रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रबंधकीय समिति 2021-22 का निर्वाचन 14 मार्च को होने जा रहा है। 23 सीटों के लिए होने वाले इस निर्वाचन में 886 मतदाता मत का प्रयोग करेंगे। कोरोना महामारी की वजह से इस वर्ष लगभग तय था कि चुनाव अपनी सदस्यों के बैठक समझौता के माध्यम से कर ली जाएगी अभी भी उम्मीद लोग यही जता रहे हैं के समझौता के तहत ही कार्यकारिणी की गठन हो जाएगी, लेकिन आप सी वर्चस्व कायम करने की वजह से तालमेल नहीं बैठ पाई और अब स्थिति चुनाव की ओर जा रही है। इस चुनाव को लेकर काफी खट्टी मीठी आरोप-प्रत्यारोप भी चल रही है। आपसी मतभेद दूर करने के लिए वरिष्ठ सदस्य गण भी जुटे हुए हैं इतना ही नहीं वर्तमान और पूर्वदिग्गज अध्यक्ष के बीच भी बैठक हुई लेकिन दोनों ओर से ही आरोप-प्रत्यारोप जा रही है अब नहीं लग रहा है कि चुनाव टल जाए । अब चुनाव मैदान मैं दो पक्षों के बीच चुनावी रणनीति भी शुरू हो गई है ।
इस बार के चुनाव आयोग रानीगंज के विशिष्ट सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश केडिया बनाए गए हैं ,जबकि उनके सहायक के रूप में अधिवक्ता रत्नपाणी मुखर्जी एवं चुनाव आयुक्त तथा उम्मीदवारों के बीच समन्वय बनाने वाले रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स के इलेक्शन कमिटी के चेयरमैन रामकृष्ण साव की भूमिका भी अहम होगी। 62 उम्मीदवारों ने नामांकन भरे हैं, । इस निर्वाचन को लेकर रानीगंज के व्यवसायिक महल में हमेशा की तरह इस वर्ष भी चर्चा का विषय बनी हुई है, । बीते 2 वर्षों से रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स के इस निर्वाचन में दो ग्रुप आमने -सामने रहा है। एक ओर जहाँ “यूथ विद एक्सपीरियंस ” ग्रुप जिसका नेतृत्व रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष तथा फास्बेक्की के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद खेतान देते आए हैं, जबकि दूसरे “टी आर पी” ग्रुप का नेतृत्व वर्तमान अध्यक्ष संदीप भालोटीया देते आए हैं। वैसे तो आधिकारिक रूप से उम्मीदवारों के ग्रुप अलग अब तक घोषित नहीं हुए है, परंतु माना जा रहा है कि एक और जहाँ टीआरपी ग्रुप के 30 उम्मीदवार चुनावी मैदान में नामांकन किया है।
यूथ विद एक्सपीरियंस के 32 उम्मीदवार चुनावी मैदान में नामांकन भरा है । हालांकि दिलचस्प बात तो यह भी है कि कई लोग दो दफा भी अपना नामांकन दाखिल किया है। दोनों ग्रुपों की तरफ से दवा की जा रही है कि हमारे ग्रुप का उम्मीदवार है। बाहर हाल इस चुनाव को अनेकों वरिष्ठ व्यवसाई आपसे वर्चस्व की रणनीति मानते हैं हालांकि चुनाव की रणनीति क्या होगी, क्या चुनाव होगी या बिना इलेक्शन के जगह सेलेक्शन होगी। इस विषय को लेकर रानीगंज के व्यवसायिक महल के व्यवसायियों की नजर लगातार रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स के निर्वाचन पर है।