ईसीएल के काजोड़ा एरिया में वेल्फेयर के नाम पर हो रही भारी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है
घटना बुधवार(20 सितंबर) की है जब ईसीएल संक्तोड़िया मुख्यालय के काजोरा एरिया में जांच के लिए जांच दल आई। जांच दल में ईसीएल वेल्फेयर तथा सीएसआर के डीजीएम सहित सभी प्रमुख मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच दल को ईसीएल कर्मियों को मिल रही सुविधाओं का मूल्यांकन करना था। उन्हें ईसीएल आवासों, चिकित्सालय, साफ-सफाई, बिजली-पानी सहित सभी दी जा रही सुविधाओं का मूल्यांकन करना था।
वेल्फेयर अधिकारी सहित सभी मजदूर दल के यूनियन शामिल थे इस जांच दल में
इस जांच दल में हिन्द मजदूर सभा के मजदूर नेता नागेश्वर मोदी, बीएमएस की ओर से प्रदीप कुमार, यूटीयूसी के तरफ से महादेव बनर्जी, राज्यसभा सांसद सह मजदूर नेता आरसी सिंह सहित अन्य मजदूर नेता शामिल थे।
ईसीएल मुख्यालय से ए.के. लाल (डीजीएम, वेल्फेयर एवं सीएसआर) तथा सुब्रतो बनर्जी (वेल्फेयर, मुख्यालय) शामिल थे।
बिना जांच किए वापस लौट गयी वेल्फेयर टीम
उन्होने निरीक्षण किया तो केवल ईसीएल काजोड़ा एरिया के कैंटीन का।
वहाँ पहले से उनके स्वागत की सारी तैयारी की हुयी थी।
बढ़िया भोजन का इंतजाम था। भोजन में मांस, भात, दही, मिठाई, चटनी, पापड़, बेगुनी सब इंतजाम था।
जांच दल के सभी सदस्यों ने छक कर खाया । शाकाहारी और मांसाहारी सभी तरह का इंतजाम था।
साथ ही ईसीएल के अन्य अधिकारीगण ने भी इस सरकारी दावत का लुफ्त उठाया।
खाना समाप्त हुआ। सभी हाथ धोये और कैंटीन की व्यवस्था पर कैंटीन मैनेजर विशुनदेव नोनिया से दो-चार प्रश्न किए। फिर हाथ हिलाते और मिलाते हुये बाहर निकल कर अपनी- अपनी गाड़ियों में सवार होकर जाने लगे
जब मंडे मॉर्निंग के संवाददाता ने इस दौरे के मूल्यांकन पर जांच दल की राय जाननी चाहिए तो उन्होने कहा कि यह दौरा रद्द हो गया।
दौरा रद्द किए जाने का सटीक कारण कोई भी नहीं बता पाए
जांच दल का एक भी सदस्य कैमरे पर बोलने के लिए तैयार नहीं हुये ।
कैमरा बंद करने पर जांच दल में शामिल राज्य सभा सांसद एवं सीपीआई के मजदूर यूनियन नेता आरसी सिंह ने कहा कि प्रबंधन की बदइंतजामी के वजह से दौरा रद्द कर दिया गया और दौरे के लिए अगली तारीख तय की जाएगी। एक सदस्य ने कहा कि बारिश हो गयी इसलिए दौरा रद्द करना पड़ा।
ईसीएल अधिकारी भी नहीं दे पाये सटीक जवाब
मौके पर उपस्थित एजेंट आरआर श्रीवास्तव से कारण पूछे जाने पर उन्होने कहा कि इसकी जवाबदेही एरिया मैनेजर पर्सनल की बनती है उन्ही से पूछें। ईसीएल काजोरा एरिया पर्सनल मैनेजर एनके सिंह ने भी यही कहा कि दौरा रद्द हो गया है और अगली तारीख तय की जाएगी।
आखिर क्यों रद्द हुआ दौरा ?
अब सवाल यह उठता है कि ईसीएल कर्मचारियों को मिल रही सुविधा की जांच के लिए आए जांच दल जिसमें मजदूरों के प्रतिनिधि भी शामिल थे उन्होने पूरे इलाके का दौरा क्यों नहीं किया।
तस्वीरें देखकर समझ सकते हैं वैसी कोई बारिश नहीं हो रही थी जिसके कारण इतना महत्वपूर्ण दौरा रद्द करना पड़ा। यदि बात है प्रबंधन के बदइंतजामी का तो इसका ही तो जांच करना था कि इलाके में प्रबंधन ने कैसी बदइंतजामी फैला रखी है।
मजदूरों के प्रतिनिधि , मजदूरों को मिलने वाली सुविधा की जांच करने क्यों नहीं गए ?
यह मजदूर नेता मजदूरों के अधिकार के लिए आंदोलन करते हैं।
मजदूरों के आवास, बिजली-पानी की सुविधा के लिए खदान में काम बंद करवाते हैं।
और जब मौका मिलता है मजदूरों के हित के लिए उनकी सुविधाओं के जांच करने का तो दौरा रद्द करते हैं।
इस दौरे पर संक्तोड़िया मुख्यालय से जो अधिकारी आए थे उनका तो काम ही है कर्मचारियों के सुविधाओं का ख्याल रखना। वे संक्तोड़िया से काजोड़ा क्या केवल कैंटीन में मांस-भात खाने के लिए आए थे।
पूरे मामले से भ्रष्टाचार की बू आती है
चूंकि इस दौरे में कुछ मीडिया बंधु भी पहुँच गए थे इसलिए हो सकता है कि कमजोरी को छिपाने के लिए दौरा रद्द किया गया या फिर दौरा रद्द करने का बहाना किया गया हो जबकि वास्तविक स्थिति कुछ और हो।
कारण जो भी हो पर ये बात बिल्कुल समझ में नहीं आती है कि वेल्फेयर की टीम दौरे के लिए आयी और केवल कैंटीन में खाना खाकर चली गयी।
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ईसीएल द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रत्येक एरिया इस तरह के वेल्फेयर जांच कराये जाते हैं
वेल्फेयर रिपोर्ट के आधार पर ईसीएल अपनी नीतियाँ बनाती हैं और कहीं गड़बड़ी हो तो उसमें सुधार करती है।
परंतु वेल्फेयर जांच दल के कम करने के तरीके को देखकर समझ में आता है कि आखिर ईसीएल इलाकों में मजदूरों को बार-बार इतनी समस्या क्यों सामने आती है।