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जेम से खरीददारी पर सप्लायरों ने जताया विरोध , पुरानी प्रक्रिया बहाल करने की मांग

कोरोना महामारी एवं लॉकडाउन में इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के तहत कार्यरत छोटे व्यवसाय सप्लायर ठेकेदार भी आज आर्थिक मंदी के इस दौर में त्रस्त है। समय रहते इस पर गंभीरता से सभी कार्यवाही नहीं करेंगे तो आने वाला समय में हजारों के करीब इनके परिवार रास्ते पर उतरकर आंदोलन को मजबूर होंगे । कोल्ड फील सप्लायर एसोसिएशन ने इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर को पत्र लिखते हुए इसकी सूचना फेडरेशन ऑफ साउथ बंगाल रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स आसनसोल चैंबर ऑफ कॉमर्स पीएमओ को पत्र लिखकर किसकी सूचना दी है। जिसमें 7 सूत्री मांग को सामने रखा रखा है ।

संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष गोपाल मलिक, सचिव मलाई बनर्जी, प्रकाश बर्नवाल ने विवरण देते हुए कहा कि वर्तमान में महामारी कोरोना को लेकर पूरा देश एक सुर से इस महामारी पर विजय हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नियमित रूप से प्रत्येक क्षेत्र के लोगों से अपील कर रहे हैं कि ऐसा एक भी कदम ना उठाई जाए जिससे किसी भी क्षेत्र में असंतुलन हो।

नयी प्रक्रिया को अभी शुरू नहीं करने की मांग

ईसीएल प्रबंधन को लिखा गया पत्र

ऐसे समय में इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड ने एकाएक छोटे व्यवसायियों पर प्रहार शुरू किया है । वेबसाइट अथवा ऑनलाइन जैसे प्रक्रिया की आड़ में बड़े पूंजीपतियों को सहयोग देना चाहते हैं जबकि इसकी अग्रिम सूचना अथवा ट्रेनिंग प्रक्रिया आदि कुछ भी नहीं दी गई। हम लोगों की मांग है कि नई प्रक्रिया के लिए समय निर्धारित हो और जितने भी व्यवसाई अथवा सप्लायर इसमें जुड़े हैं उनके द्वारा दी गई सामग्री का भुगतान हो।

पुराने प्रक्रिया से ही वस्तुओं की खरीद की मांग

इस प्रक्रिया को पूरी तरह से लागू करने के पहले से चलने वाली नियम के तहत ही कामकाज करने का अवसर सुचारु रूप से दी जाए। इस कोरोना महामारी के वक्त भी इन छोटे व्यवसायियों ने तमाम तरह का सहयोग किया है ,अधिकारी नए नियम का हवाला देकर ऐसे घड़ी में व्यवसायियों को परेशान कर रहे है अतः निवेदन है कि पहले की भाँति शुद्धता पूर्वक , गुणवत्ता पूर्वक, नियम के तहत 2 लाख तक के छोटे व्यवसायियों को पुराने नियम के तहत जैसे थी वैसे ही अवसर दी जाए । एरिया महाप्रबंधक एवं मैटेरियल मैनेजर ,परचेस अधिकारी और फाइनेंस विभाग मिलकर और भी ध्यान पूर्वक काम को करें ।

गुणवत्ता पर कोई भी समझौता ना करें। अन्य प्रतिष्ठानों की तरह इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की कार्यप्रणाली अलग है क्योंकि यहाँ काम करने वाले श्रमिक कर्मी मजदूर अधिकारी सभी अपने जान पर खेलकर काम को करते हैं और देश को ऊर्जावान करते रहे हैं । ऐसे घड़ी में गुणवत्ता को दरकिनार करते हुए जो प्रणाली अपनाई जा रही है वह जनहित में नहीं है । छोटे व्यवसायियों का सहयोग करें अन्यथा इसका दूरगामी परिणाम भी हो सकता है।

ईसीएल ने वस्तुओं की खरीद में यह बदलाव किए हैं

इससे पहले ईसीएल किसी भी वस्तु की खरीद के लिए निविदा आमंत्रित करती थी और उसी के आधार पर वस्तुओं की खरीद होती थी लेकिन अब भारत सरकार द्वारा जारी वेबसाइट जेम  (https://mkp.gem.gov.in/) के माध्यम से ही वस्तुओं की खरीद की प्रक्रिया शुरू की गयी है । इसमें निविदा जारी नहीं कि जाती है । वेबसाइट में जारी वस्तुओं को उसके मालिक द्वारा सीधे खरीद लिया जाता है ।

उत्पादन इकाइयों द्वारा उत्पादन के बाद बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वेबसाइट को लॉंच किया था । जिसमें देश के सभी लघु , मँझोले एवं बड़े उत्पादक एक ही मंच पर अपने उत्पाद बेच सकते हैं ।

Last updated: मई 30th, 2020 by Raniganj correspondent