अंडाल- ईसीएल के काजोड़ा एरिया के खास काजोड़ा 6 नंबर पीठ खदान में दुर्घटना में एक श्रमिक की मौत हो गयी । मृतक अप्पन कुमार (35) पीट में फिटर हेल्पर के तौर पर कार्यरत थे । सुबह करीब 9 बजे वह डोली से ब्लॉक को रिंच द्वारा कस रहे थे । उसी समय उनका हाथ फिसल गया और 12 सौ फीट नीचे खदान में जा गिरे जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मृत्यु हो गयी ।
घटना की सूचना इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई और सभी मजदूर नेता मौके पर जुटने लगे । श्रमिक सुरक्षा में लापरवाही बरतने के लिए प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे ।
सूचना पाकर तृणमूल जिलाध्यक्ष जितेंद्र तिवारी घटनास्थल पर पहुँचे और जेसीसी सदस्य एवं प्रबंधन के साथ बैठक किया । उन्होंने कहा कि पूरी लापरवाही सुरक्षा प्रबंधन की है । सुरक्षा के लिए जो अधिकारी इस पीट पर कार्यरत थे उन्हें अविलंब उस पद से हटाया जाए और उन्हें किसी भी अन्य कोलियरी में उस पद पर नहीं रखा जाये नहीं तो वे फिर इसी तरह की गलती करेंगे ।
सेफ़्टी बेल्ट नहीं पहनने के कारण हुई यह दुर्घटना
केकेएससी श्रमिक नेता महामंत्री हरेराम सिंह ने कहा कि आज वह युवक सेफ्टी बेल्ट पहने रहता तो उसकी मृत्यु नहीं होती । चोट लगती या अंग-भंग होता पर वह मरता नहीं, हम लोग हर मीटिंग में सेफ्टी का मुद्दा उठाते हैं परंतु प्रबंधन इस ध्यान नहीं देती है जिसके कारण इस तरह की घटना घटती है ।
बीएमएस नेता तापस घोष ने कहा कि सुरक्षा में अनदेखी के कारण ही यह घटना घटी है । अगर सही से जाँच किया जाये तो पता चलेगा कि इस श्रमिक के नाम से सेफ्टी बेल्ट इशू ही नहीं हुआ होगा।
मजदूर यूनियन एवं प्रबंधन की बैठक में आश्रित को नौकरी पर सहमति बनी और 20 लाख रुपए मुआवजे की मांग की गयी । साथ ही दाह संस्कार के लिए एक लाख रुपया अलग से मांग की गयी । प्रबंधन ने इस पर ऊपर बात करने का आश्वासन दिया ।
गौरतलब में ईसीएल के सभी एरिया में सुरक्षा सप्ताह तो कभी सुरक्षा पखवाड़ा मनाया जाता है । हाल ही में झँझरा में सुरक्षा पर एक लाभी सेमिनार आयोजित की गयी थे लेकिन उसके बाद भी सुरक्षा में लापरवाही की ऐसी घटना घट गयी ।
यह जाँच का विषय है कि मृतक को सेफ़्टी बेल्ट जारी हुआ था कि नहीं। यदि जारी हुआ था तो उसने पहना क्यों नहीं था । कौन अधिकारी यह निगरानी करने के लिए ज़िम्मेवार है कि श्रमिक ने सेफ़्टी बेल्ट पहना है या नहीं ।