पर्यावरण दिवस पर ज़्यादातर सार्वजनिक उपक्रम एक तरफ जहां एक पेड़ लगाकर खानापूर्ति कर रहे है और उसी में पूरे-ताम-झाम से उत्सव मना रहे हैं तो दूसरी ओर पूर्व रेलवे आसनसोल मण्डल बीते एक वर्ष में पर्यावरण के क्षेत्र में किए अपने कार्य गिनवाकर उन्हें आईना दिखाने का कार्य कर रहे हैं।
आसनसोल मंडल ने विगत एक वर्ष के दौरान पर्यावरण उन्नयन के निम्नलिखित कार्य गिनवाए हैं जो समय-समय पर मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क में प्रकाशित भी होते रहे हैं :-
शताब्दी पार्क का पुनर्विकास किया गया जिसके अंतर्गत 14,000 वर्ग मी. में हरित क्षेत्र विकसित किया गया, 1000 पौधे लगाए गए और 7,000 वर्ग मी. के क्षेत्र में 04 तालाब विकसित किए गए एवं 3,300 वर्ग मी. क्षेत्र में बाग तथा ग्रास लॉन विकसित किए गए।
आसनसोल, अंडाल, बराकर, सीतारामपुर, सिमुलतला और जसीडीह स्थित रेलवे कॉलोनियों में 10 पार्कों का नवीनीकरण एवं पुनर्विकास किया गया। अंडाल रेलवे कॉलोनी एवं विद्यासागर में स्टेशन के निकट खाली जमीन पर नए पार्कों का निर्माण किया गया।
आसनसोल, नीमचा, अंडाल, मधुपुर, जसीडीह, देवघर, बराकर, सीतारामपुर, चित्तरंजन और अन्य स्टेशनों पर कुल 30000 वर्गमी. क्षेत्र में खाली एवं अतिक्रमण प्रभावित जमीन पर 20 लघु वन विकसित किए गए।
पूरा मंडल भर में 25 जलाशय, तालाब और रिजर्वायर का निर्माण किया गया । इनमें से 05 तालाब शताब्दी पार्क, आसनसोल में विकसित किए गए और अन्य क्रमश: मानकर, सीतारामपुर एवं झारखंड छोटे स्टेशनों में पीने, बागवानी करने, भू-गर्भीय जल चार्ज करने, छत के जल के संरक्षण करने हेतु आसनसोल अस्पताल, रानीगंज, मधुपुर, दुर्गापुर, जसीडीह एवं पानागढ़ स्टेशनों पर वर्षा के जल का सदुपयोग किया गया है।
बराकर स्थित पुराने अक्षय ऊर्जा की अधिक खपत वाले पंपों को बदल दिया गया है, जिससे वार्षिक रूप से बिजली की खपत में 02 लाख यूनिट की बचत हुई है।
मधुपुर और जसीडीह में स्रोत स्थल से आपूर्ति स्थल तक पानी ले जाने वाली रिसावग्रस्त पाइपों की मरम्मत की गई। बराकर से आसनसोल के बीच एक नई पाइप लाइन बिछाई जा रही है, जिससे मार्ग में रिसाव की समस्या को समाप्त किया जा सके और साथ ही पानी की आपूर्ति में सुधार हो।
परित्यक्त कंक्रीट स्लीपर का बेहतर इस्तेमाल
रेलवे की पटरियों से निकाले गए बेकार कंक्रीट स्लीपर का अन्य निर्माण कार्य में इस्तेमाल कर पर्यावरण अनुकूल कार्य किया गया है ।
परित्यक्त कंक्रीट स्लीपरों का सदुपयोग करते हुए पानागढ़ में 01 किमी. लंबी सड़क का निर्माण किया गया है, जो भू-गर्भीय जल चार्ज करने (ग्राउंड वॉटर रिचार्जिंग) तथा कार्बन फुट प्रिंट को कम करने में सहायक है।
परित्यक्त कंक्रीट स्लीपरों का सदुपयोग करते हुए धनपतडीह और सिरसा स्टेशनों में प्लेटफॉर्म सतह का निर्माण किया गया है। साथ ही, मदनकट्टा और जोड़ामो स्टेशनों में कार्य जारी है।
परित्यक्त कंक्रीट स्लीपरों का सदुपयोग करते हुए यार्डों में 25 किमी. लंबे मेंटेनेन्स मार्ग का निर्माण किया गया और 150 मी. लंबी चारदीवारी का निर्माण किया गया है।
दोमुहानी रेलवे कॉलोनी, आसनसोल में रेलवे कर्मचारियों के लिए ग्रास पैच और सराउंडिंग वृक्षों सहित निम्न लागत स्पोर्ट्स स्टेडियम का निर्माण किया गया है।
आसनसोल मंडल में सभी स्टेशनों को एलईडी लाइटिंग वाले स्टेशन में परिवर्तित कर दिया गया है। पूरे मंडल भर में पारंपरिक ट्यूब लाइट्स के स्थान पर 2490 एलईडी लाइट्स उपलब्ध कराए गए हैं।