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डीवीसी भंडारगृह में चोरी करने वाले पकड़े गए चोर को छोड़ा, मिलीभगत का अंदेशा

बुधवार की सुबह डीवीसी पोस्ट ऑफिस स्थित डीवीसी केन्द्रीय भण्डार केन्द्र से डीवीसी के अधिकारियों के मिलीभगत से भण्डार का समान बेचने के बाद सामान को लेकर जाता हुए कबड़ी वाला को होमगार्ड के जवानों ने सामान के साथ पकड़ लिया। हालांकि सामान के साथ पकड़ाने के बाद कबाड़ीवाला से पुनः सामान लेकर डीवीसी के केंद्रीय भण्डार में रख दिया गया और कबाड़ी को भी छोड़कर दिया गया साथ ही भण्डार के अधिकारी इस मामले में फंस ना जाये जिसके कारण डीवीसी के वरीय पदाधिकारी पूरे मामले को दबाने में जुट गये और पूरे मामलों को समाप्त कर दिया गया ताकि इसकी भनक और किसी को ना लगे।

मिलीभगत से होती है चोरियाँ

सूत्रों की मानें तो डीवीसी के भण्डारों से आये दिन डीवीसी के अधिकारियों की मिलीभगत से डीवीसी के अनेकों सामानों को कबाड़ीवालों के हाथों बचे दिया जाता है। जब भनक लगती है या कबाड़ीवाला अगर समान को ले जाने के क्रम में पकड़ा जाता है तो कबाड़ीवाला को ही चोर बना दिया जाता है। अधिकारियों या भण्डार केंद्र से अन्य लोग बच जाते हैं।

होमगार्ड ने चोर को पकड़ कर छोड़ दिया

बुधवार की सुबह के करीब 9 बजे भी यही हाल हुआ भण्डार से डीवीसी का केबल, लोहा इत्यदि सामान तो कबाड़ीवाला को बेच दिया गया परन्तु भण्डार से कुछ दूर पर ही होमागार्ड के जवानों ने उसे पकड़कर हुए मामले को उजागर कर दिया ।

होमगार्ड के जवानों द्वारा कबाड़ीवाले को सामान के साथ पकड़ेजाने के कारण कोई अधिकारी या भंडार में काम करने वालें अन्य लोग फंस ना जायें इसलिए ठेले में लदे डीवीसी के सामानों को ठेले से उतारकर भण्डारों ने रखने लगे । पूरे मामले को डीवीसी के अधिकारी दबाने में जुट गये। परन्तु भण्डार के गेट से समीप आपस में हो-हल्ला होने के कारण रोड से आने-जाने वाले लोगों को इसकी खबर लग गई।

इस संबंध में डीवीसी के केन्द्रीय भण्डार के भण्डार पालक अशोक घोष में बताया कि कबाड़ीवाला भण्डार गेट पर किसी के न होने के कारण कुछ छोटे-मोटे लोहे को चुन कर ले जा रहा था तभी होमगार्ड के जवानों ने देख लिया ठेलें में भण्डार से चुराये एक-दो छोटा – छोटा लोहा होने के कारण उसे पुनः भण्डार में ले जाकर रख दिया।

इस संबंध में पुलिस या कोई अन्य वरीय पदाधिकरियों को सूचना इसलिए नहीं दिया क्योंकि इस छोटी सी चोरी के कारण उसे जेल हो जाता।

कबाड़ीवाला ने कहा कि उसने भण्डार के अन्दर घुसकर लोहा तार इत्यादि का चोरी नहीं किया है बल्कि भण्डार लोगों ने उसे अंदर से लोहा इत्यादि सामान निकाल कर दिये हैं।

अब प्रश्न उठाता है कि भण्डार के गेट में दो होमगार्ड की ड्यूटी हमेशा होने बाद भी अन्दर से कोई भण्डार का समान गेट तक लाकर कैसें देगा। साथ ही ठेला का पकड़कर जो लोहा पुनः भण्डार में गुसाया गया वह इतना भारी था कि उसे एक आदमी उठा नहीं सकता है।

दूसरा प्रश्न उठता है अगर कबाड़ीवाला ठेला के साथ अन्दर गया तो उस समय गार्ड या अन्य किसी ने का क्यों नहीं ?

तीसरा प्रश्न कि जब चोर पकड़ा गया तब इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी के साथ पुलिस को क्यों नहीं दिया।

पूरे मामले पर डीवीसी के सुरक्षा पदाधिकारी एव स्टेट ऑफिसर जनार्दन सिंह का कहना है कि भण्डार में समान के साथ कबाड़ीवाला को पकड़ा गया है जिसके बाद डीवीसी का समान ठेला से निकाल कर पुनः भण्डार में रख दिया गया है। इस संबंध में भण्डार के अधिकारियों कर्मी और कबाड़ीवाला को डाट-डपट के छोड़ दिया गया है।

Last updated: जनवरी 30th, 2019 by Guljar Khan