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लेफ्ट बैंक में अवैध कब्जाधारियों से मुक्त होगा डीवीसी आवास, प्रबंधन ने कसी कमर

कल्याणेश्वरी। डीवीसी मैथन परियोजना का बंगाल क्षेत्र डीवीसी लेफ्ट बैंक आवासीय परिसर में यहाँ डीवीसी प्रबंधन की सैकड़ों आवास है, जिनमें दामोदर घाटी निगम मैथन परियोजना में कार्यरत कर्मचारी निवास करते थे। अलबत्ता नियुक्ति और रिटायरमेंट की पहिया सामान गति से नहीं चलने के कारण इन आवासों में दिनों दिन कर्मचारियों की संख्या घटती गयी।

इस क्रम में डीवीसी प्रबंधन की अनदेखी के कारण यहाँ के सैकड़ों आवास अवसरवादियों की भेंट चढ़ गई। हालांकि कुछ वर्ष पूर्व डीवीसी प्रबंधन के तत्कालीन कुशल अधिकारियों के नेतृत्व में जिला प्रशासन की सहयोग से सैकड़ों आवासों को कब्ज़ा मुक्त कर बुलडोजर चला दिया गया था, जिसमें डीवीसी मैथन परियोजना के लेफ्ट बैंक(बंगाल) राइट बैंक(झारखंड) में सामान रूप से कार्यवाही की गई थी। इस फेहरिस्त में पक्के आवासों को प्रशासन की अगुवाई में सील कर दिया गया था। किंतु आवंटन नहीं होने एवं सुरक्षा में लापरवाही के कारण समय के साथ आवासों में पुनः एक बार कब्जाधारियों ने अपना हुकूमत जमा लिया।


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विडंबना यह है कि आज लेफ्ट बैंक के डीवीसी आवास में 99 प्रतिशत अवैध कब्जाधारियों का कब्जा है। प्रबंधन की उदासीनता के कारण सड़क पर जलने वाली स्ट्रीट लाइट से लेकर पानी बिजली सेवा चरमर हो चुकी है। ऐसे में क्षेत्र के समाजसेवियों का कहना है, प्रबंधन आवास को कब्ज़ा मुक्त कर कर्मचारियों को आवास आवंटित करें एवं क्षेत्र की पानी, बिजली और स्ट्रीट लाइटों में सुधार होनी चाहिए। इधर मंगलवार को पुनः एक बार फिर डीवीसी सुरक्षा निरीक्षक ऋषिकेश पांडेय की अगुवाई में सुरक्षा बल के साथ लेफ्ट बैंक आवासीय क्षेत्र का निरीक्षण किया गया, आवास नंबर के साथ अवैध कब्जाधारियों की सूची तैयार किया गया। हालांकि इस दौरान उन्होंने किसी भी सवालों का जवाब नहीं दिया। डीवीसी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में 2000 हजार मेगावाट की सोलर एनर्जी पावर प्रोजेक्ट लगाया जाना है। जिसके लिए प्रबंधन को प्रयाप्त जमीन की आवश्यकता है। बताया जाता है कि उक्त आवासों को कब्जा मुक्त कर बुलडोजर चलाया जाएगा, जिससे प्रोजेक्ट का विस्तार किया जा सके। प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही कब्जाधारियों के विरुद्ध नोटिस जारी किया जाएगा तथा तत्पश्चात सूचीबद्ध नामों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया जाएगा। हालांकि पूरे प्रकरण में इस बार प्रबंधन ने पूर्ण रूप से कमर कस ली है।

Last updated: सितम्बर 7th, 2021 by Guljar Khan