धनबाद। निरसा में एक बार फिर दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ भू-धंसान में कई लोगों के दबे होने आशंका जताई जा रही है। ताजा मामला गुरुवार की सुबह करीब 8:00 बजे की है, जहाँ चिरकुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत डूमरीजोड़ में अवैध उत्खनन के कारण लगभग 50 से 100 मीटर गहरा भू-धंसान हुआ है। ग्रामीणों की माने तो इस भू-धंसान में दर्जनों की संख्या में लोग अंदर दब गए हैं, डीसी ने ईसीएल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन को कन्फर्म करने के लिए कहा है कि पता करके बताएं कि वहाँ कितने लोग गए थे।
कुछ महीने पहले भी निरसा के गोपीनाथपुर में चाल धंसने से दर्जनों लोगों की मौत हुई थी. घटना पर धनबाद जिला प्रशासन से लेकर झारखंड सरकार तक की खूब किरकिरी हुई थी लेकिन, प्रशासन इससे भी सबक नहीं ले पाई और आज फिर यह बड़ी घटना घट गई है. ग्रामीणों का कहना है कि इस अवैध उत्खनन के बारे में जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार को अवगत कराया गया था. फिर भी विभाग की ओर से कोई कार्यवाही नहीं कि गई और रात दिन अवैध कोयला व्यापारी धड़ल्ले से अवैध उत्खनन कर कोयला निकाल रहे थे जिसके कारण आज फिर यह बड़ी घटना घटी है.देखें पूरी खबरवहीं पूरे मामले में धनबाद के डीसी ने कहा है कि इस तरह की बातें सुनने को मिली हैं।
इसीएल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन को कन्फर्म करने के लिए कहा गया है कि पता करके बताएं कि उसमें कितने लोग उत्खनन करने गए थे। पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने बताया कि वह खुद घटनास्थल पर गए थे। वहाँ ग्रामीणों की भीड़ है. प्रशासन के लोग मुआयना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो तरह की बातें सामने आ रही है। कुछ लोगों का कहना है कि 40 मजदूर उस खदान में गए थे, लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि सभी बाहर आ गए थे। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के सभी मजदूर थे जो उत्खनन में लगे हुए थे. उन्होंने कहा कि अवैध उगाही के लिए लोगों की जिंदगी दाँव पर डाली जा रही है। जिला प्रशासन से उन्होंने सख्त कार्यवाही करने की बात कही है।