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छठवें दिन माँ कात्यायनी की पूजा के साथ पंडालों का उद्घाटन का सिलसिला शुरू हो गया

शारदीय नवरात्र के छठवे दिन माँ कात्यायनी की पूजा के साथ पंडालों का उद्घाटन का सिलसिला शुरू हो गया है । माँ की आराधना करने वालों भक्तों में भी गजब का उत्साह देखा जा रहा है ।

घरों में शारदीय नवरात्र के पहले दिन से कलश स्थापना करके आराधना करने वाले भक्तों को 6 दिनों में कलश के नीचे रखे गये जौ का बीज अंकुरित होने से भक्त माँ दुर्गा की कृपा समझते हुए पूजा की सफलता मान रहे है।

कर्मकांडी पंडित संतोष पांडेय कहते है कि घरों में मंदिरों में शारदीय और वासंतीय नवरात्र में देवी दुर्गा के भक्त कलश स्थापना करके माँ की आराधना करते है , कोई दुर्गा सप्तशती का सादाहरण पाठ का आयोजन करता है तो कोई भक्त सम्पुट पाठ का आयोजन करते है और पूरे नौ दिनों तक अखण्ड दीपक के साथ देवी की आराधना होती है ।

स्थापित कलश के नीचे से जब जौ अंकुरित होती है तो एक प्रकार की इसे पूजा की सफलता को लेकर भी देखा जाता है ।विद्धानों का भी कहना है कि जौ को अच्छे ढंग से अंकुरित होकर लहलहलाते फसल की तरह देखना मनोकामना को सिध्द और पूजा की सफलता को दर्शाता है ।

Last updated: अक्टूबर 4th, 2019 by Pandaweshwar Correspondent