लोयाबाद लगातार बारिश से सिंजुआ क्षेत्र के बाँसजोड़ा और निचितपुर उखन्न परियोजना का उत्पादन पूरी तरह से ठप पड़ गया है। बाँसजोड़ा के खदान के चार नंबर सीम में पानी भर गया है। कम्पनी सभी मशीनें और वाहन माईनस से बाहर निकाल लिया है। मजदूर कैम्प में पानी छूटने के इंतजार में है। यही हाल निचितपुर परियोजना का भी है। दोनों कोलियरी में डेको आउटसोर्सिंग कम्पनी ही परियोजना चला रही है। बाँसजोड़ा में करीब 265 मजदूर है और निचितपुर में 250 मजदूरों काम करते हैं।कम्पनी के अरविंद चौधरी ने बताया कि एक परियोजना में काम ठप होने प्रति घण्टा करीब तीन लाख का नुकसान होता है। और बुधवार प्रथम पाली से काम बन्द है।
एक अनुमान के मुताबिक दोनों जगह के मिलाकर अबतक एक करोड़ का नुकसान हुआ है। मौसम का मिजाज देखर पता चलता है कि रात्रि पाली भी चालू होना असंभव है।बताया गया कि जब लगातार बारिश होती है तो उत्खनन के रास्ते बद से बदतर हो जाती है। फिसलन भयावह की वहज से वाहनों का दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है।इसलिए माईनस पूरी तरह बन्द कर दिया जाता है।
बाँसजोड़ा का डिशपेच भी ठप
बारिश ने यहाँ का उत्पादन ही नहीं ,बल्कि डिशपेच पर असर डाला है। कोयले ढोलाई की ट्रांसपोर्टिंग भी बन्द है। रेलवे साइडिंग में कोयले का स्टॉक नहीं है। रेलवे की रैक कोयले के इंतजार में खड़ी है। ट्रांसपोर्टिंग कम्पनी की भी वाहने और महीने जहाँ तहाँ खड़ी है। बीसीसीएल और कम्पनी के अधिकारी सिर्फ नुकसान के आकलन में लगे हुए हैं।