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उनके मिशन व दर्शन ही सामाजिक न्याय की रक्षा कर सकते है

अपने वक्तव्य रखते अतिथि

बर्नपुर -भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 127 वीं जयंती पर एक भव्य समारोह बर्नपुर वार्ड संख्या 75 के सांता बस्ती, मोती पाड़ा मैदान में आयोजित की गई. इस जयंती का आयोजन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जागरण मंच के तत्वाधान में किया गया. इस मंच का गठन इसी वर्ष अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए किया गया है. आज के इस जयंती समारोह में सर्वप्रथम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि श्रद्धा सुमन चढ़ाए गए. इसके पूर्व दीप प्रज्वलित किया गया एवं तदुपरांत एक समारोह का आयोजन हुआ.

पहले शिक्षित बनो संगठित बनो और उसके बाद संघर्ष करो

समारोह में मुख्य अतिथि मंच के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक वरिय अधिवक्ता नन्द बिहारी यादव ने कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने जिन परिस्थितियों का सामना किया उन पर जितना जुल्म और अत्याचार हुआ, उसे सहने के बावजूद भी संघर्ष करते हुए उन्होंने समाज के दबे कुचले असहाय वर्ग के लोगों को सामाजिक न्याय की आजादी दिलाने के लिए जो कार्य किए हैं, वह आज भी प्रासंगिक है. आज देश की जो स्थिति है इस स्थिति से निपटने के लिए एकमात्र बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जो मूल मंत्र रहा “पहले शिक्षित बनो संगठित बनो और उसके बाद संघर्ष करो” . तभी जाकर के मनुवाद से समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को सामाजिक न्याय की प्राप्ति होगी.

देश पर मनुवाद थोपना चाहती है सरकार : नन्द बिहारी यादव

उन्होंने कहा आज फिर से देश में मनुवाद के ढोंग-पाखंड देश की जनता और भारतीय गणतंत्र को धार्मिक गुलाम बनाकर भारत की अस्मिता से खिलवाड़ कर रहा है और देश के 85 प्रतिशत जनता जो अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लोग हैं, उनके संवैधानिक अधिकारों के साथ केंद्र में बैठी आरएसएस की मुखौटा सरकार ध्वस्त कर रही है. आज देश के संविधान की रक्षा के लिए और भारत के गणतंत्र की रक्षा के लिए बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के संविधान रख कर गए हैं, उसकी रक्षा करना हमारा राष्ट्र धर्म है और आज देश में फिर एक बार भारत के संविधान को मानने वाले लोग जो दलित पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लोग हैं एक तरफ हैं और भारत के संविधान का विरोध करने वाले जो केंद्र में बैठी आरएसएस की मुखौटा सरकार है, वह एक साजिश के तहत भारत के संविधान में जो अधिकार दिए गए हैं अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को इसे खत्म करना चाहती है. यह संवैधानिक अधिकार है आज बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के दर्शन विधान एवं मिशन की रक्षा के लिए देश में फिर एक बार हम लोगों को बाबा साहब के दिखाए रास्ते पर चलना होगा और उनके मिशन उनके दर्शन भारतीय गणतंत्र की रक्षा एवं सामाजिक न्याय की रक्षा कर सकते है और कोई विकल्प नहीं है.

कार्यक्रम का उद्घाटन मंच के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक नंद बिहारी यादव अधिवक्ता एवं वार्ड पार्षद शबरी माता मंच के संरक्षक सुधदेव रविदास, अध्यक्ष समीर दास, विश्वजीत चौधरी, वीर बहादुर यादव, मानवाधिकार कार्यकर्ता अली हुसैन, पूरनचंद बाउरी, निपेन बाउरी एक साथ मिल कर किये. समारोह का संचालन अध्यक्ष समीर दास किये.

Last updated: अप्रैल 14th, 2018 by News Desk