डी पी लाला गिरिडीह लोक सभा से चुनाव लड़ेंगे
गोमो : दिल्ली में भाजपा और आजसु के गठबंधन की घोषणा के दूसरे दिन ही गिरिडीह से एक कद्दावर भाजपा नेता डीपी लाला ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है कि वे किसी दूसरे पार्टी से चुनाव लड़ेंगे या फिर निर्दलीय लेकिन डीपी लाला की इस घोषणा ने भाजपा और आजसु दोनों खेमों को चौंका दिया है । गौरतलब है कि भाजपा और आजसु गठबंधन के बाद गिरिडीह की सीट आजसु के खाते में चली गयी जो भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है । 1989 में पहली बार रामदास सिंह ने गिरिडीह में भाजपा का खाता खोला ।
वर्ष 1991 में झामुमो के बिनोद बिहारी महतो से सीट छीन ली । फिर 96, 98 और 99 के तीनों लोकसभा चुनाव में भाजपा के रवीन्द्र कुमार पांडे विजयी रहे । 2004 के चुनाव में एक बार फिर झामुमो के टेकलाल महतो ने इस सीट को जीत लिया । लेकिन उसके वाद 2009 और 2014 के दोनों चुनाव में रवीन्द्र पांडे ही विजयी रहे । कुल मिलाकर देखें तो यह गिरिडीह का लोकसभा क्षेत्र भाजपा का बहुत पुराना गढ़ रहा है ।
अपने इतने मजबूत गढ़ को आजसु को दे देने से भाजपा में भी अंदरूनी सुगबुगाहट है और उसी का नतीजा है कि ट्रेड यूनियन में सक्रिय रहे भाजपा नेता डीपी लाला ने स्वयं चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी ।
हिन्द मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डी पी लाला ने शनिवार को गोमो में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वह गिरिडीह लोकसभा से चुनाव लड़ेंगे । लाला ने कहा कि गिरिडीह लोकसभा के टुंडी बाघमारा गोमिया डुमरी बेरमो एवं गिरिडीह विधानसभा में हिन्द मजदूर किसान पंचायत का लाखों लोग सदस्य हैं जिसका पूरा लाभ उन्हें गिरिडीह लोकसभा के चुनाव में मिलेगा । उन्होंने कहा कि वह किस पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे इसकी घोषणा बाद में करेंगे । मौके पर बबलू तिवारी ,राजेश पांडेय , पिन्टू चौधरी , विनोद कुमार ,मिठू रवानी , अमृत रजक ,वाहिद अंसारी ,महफूज़ अंसारी , बंसी महतो , नेपाल कुम्हार आदि उपस्थित थे ।
भाजपा और ट्रेड यूनियन में सक्रिय रहे डी पी लाला गिरिडीह लोक सभा के तोपचांची प्रखण्ड के गेंद नावाडीह के स्थानीय निवासी हैं ।इनकी प्रारम्भिक शिक्षा टी ए पी हाई स्कूल तोपचांची से हुई है । वे करीब 40 वर्ष से राजनीति एवं ट्रेड यूनियन से सक्रिय रूप से जुड़े हुये हैं।