पकड़ा गया दुर्गापूजा चंदा ने नाम पर हत्या की कोशिश करने वाला
बुधवार (6 सितंबर ) को जब पूरे दुर्गापुर का ध्यान नव निर्वाचित सदस्य के शपथ ग्रहण और नए मेयर की घोषणा पर लगा हुआ था तब दुर्गापुर के ही कोकोवेन थाना क्षेत्र में कुछ युवकों ने दुर्गापूजा के चंदा नहीं देने के आरोप में कुछ ट्रक ड्राइवरों के साथ मार-पीट की । एक ड्राइवर को पेट्रोल डाल कर जलाने की कोशिश की गयी।
गुरुवार (7 सितंबर) को पुलिस ने उनमे से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया
गुरुवार आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां सुनवाई के दौरान उन्हें 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
आरोपियों के नाम आपको हैरान कर देंगे
पकड़े गए लोगों में सागरभंगा मुस्लिम पड़ा निवासी मोहम्मद मुश्ताक, देशबंधु नगर निवासी सेख मुबारक,
शेक नौशाद एवं पार्थ दास शामिल है।
चंदा नहीं देने पर पेट्रोल डालकर जला देने की कोशिश हुयी थी
इनके खिलाफ सुनियोजित तरीके से चालको के साथ मारपीट करने आग लगी करने का मामला दर्ज किया गया है।
बुधवार की शाम सागर भांगा स्थित एक निजी प्लांट के समक्ष चंदा उगाही करने को लेकर स्थानीय यूवको के साथ ट्रक चालको का विवाद हो गया था ।
स्थानीय युवको ने चालको पर बेरहमी से पिटाई करते हुए पेट्रोल छिड़ककर जान से मारने की कोशिश की थी ।
मारपीट में दो चालक बुरी तरह से झूलस गए थे ।
जब कि 3 साल चालको को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सूचना पाकर पाकर कोकोवेंन पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरु कर दी।
देर रात छापा मारकर इलाके से चार लोगों को गिरफ्तार किया।
ट्रक चालक पर हुए हमले को लेकर दुर्गापुर खालसा दल की ओर से देर रात कोकोवेन थाने मे हमलावरो के खिलाफ मामला दर्ज कराते हुए कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की गयी थी ।
संस्था के दलविंदर सिंह ने कहा कि चंदा के नाम पर चालको पर हमला करना अपराध है।
प्रशासन को इस मामले में कदम उठाना चाहिए ।
इस संदर्भ में डीसीपी अभिषेक मोदी ने बताया कि 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। रिमांड पर लेकर पूछताछ कर अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
दुर्गापूजा : चंदा एक धंधा बन गया है
पकड़े गए आरोपियों से ये बात तो स्पष्ट हो गयी है कि इनका पूजा और भक्ति के कोई लेना-देना नहीं है।
रास्ते में गाड़ियों को रोककर चंदा वसूलते देखना प० बंगाल में बहुत ही आम बात है।
पश्चिम बंगाल में दुर्गापूजा कईयों के लिए अभिशाप बन जाता है,ट्रक चालकों पर सबसे अधिक गाज गिरती है।
चूंकि ज़्यादातर ट्रक चालक दूसरे राज्य के होते हैं इसलिए इनकी बात मीडिया में बहुत कम ही आती है।
चंदा स्वेच्छा से दिया जाता है, जबरन वसूला नहीं जाता है।
क्लब संस्कृति ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया है
प० बंगाल में ज़्यादातर पूजा क्लबों द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
चंदे के नाम पर क्लब के कुछ सदस्य हर साल मनमानी करते हैं।
चूंकि इन क्लबों की गहरी राजनीतिक पैठ होती हैं इसलिए कोई भी खुलकर विरोध नहीं कर पाता है।
ज़्यादातर क्लबों के आय-व्यय का कोई ब्योरा नहीं होता है।
कितना चंदा वसूला और कितना जमा किया इसका भी हिसाब नहीं होता है।
कुछ बड़े क्लब के सदस्य तो नकली रसीद तक छपवा लेते हैं ।
जिसके कारण प्राप्त चंदा क्लबों में जमा ही नहीं हो पाता है।
सदस्य अपनी मर्जी से चंदा संग्रह करते हैं और अपना कमीशन काटकर क्लब में जमा करते हैं।
चंदे के इस धंधे में कई बड़े और रसूखदार लोग भी शामिल हैं।
सरकार को चाहिए कि वो सभी क्लबों को जवाबदेह बनाए।
उनके आय-व्यय का पूरा ब्योरा सार्वजनिक होना चाहिए अन्यथा इस तरह कि घटनाएँ रुकने वाली नहीं है।
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