आसनसोल। आसनसोल केनॉर्थथाना अन्तरर्गत प्लासडीहा इलाके में जाली कागजातों और कुछ सरकारी मुलाजीमो की मदद से करीब कई बीघा सरकारी जमीन भू-माफियाओं द्वारा हड़पने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है के इस जमीन में कुछ जमीन ECL की है तो कुछ आसनसोल दुर्गापुर डेवलपमेंट अथॉरिटी की हैं तो कुछ राज्य सरकार के भेस्टेड जमीन है, साथ ही वहाँ कुछ लोगों की खुद की जमीन भी है, जिस जमीन को भू माफिया खरीदकर बाकी के तमाम जमीनों का जाली कागजात तैयार कर कुछ सरकारी बाबुओं की मदद से उक्त जमीन को अपने या फिर अपने किसी दोस्तों व रिश्तेदारों के नाम पर करवाकर हड़पने का काम कर रहे हैं।
उक्त जमीन पर चल रही घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब उस जमीन पर भू माफियाओं के द्वारा जमीन पर लगे हजारों हजार पेड़ों की अवैध रूप से कटाई का मामला सामने आया साथ ही वहाँ भू-माफियाओं द्वारा जमीन को समतल करने के लिए जेसीबी की मदद से डोजरिंग करवाने का काम शुरू हुआ, जिसके बाद इलाके के आदिवासी समाज के लोग मौके पर इकट्ठा हो गए । उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके बाद भू माफियाओं ने उक्त जमीन की कागजात दिखाई और कहा कि वो जमीन उनका है उन्होंने खरीद लिया है इस लिए वो जमीन की साफ सफाई करवा रहे हैं और वो इस जमीन पर प्लाटिंग का काम शुरू करेंगे जिसके बाद इलाके के ग्रामीणों ने उनसे कहा कि इस जमीन में तो ECL. ADDA सहित राज्य सरकार की भी भेस्टेड जमीन है, तो अपने इस जमीन की खरीद बिक्री कैसे कर ली जिसके बाद जमीन माफियाओं ने उन्हें ये धमकी दी के अगर वो इस जमीन में ज्यादा दिमाग लगाएंगे तो उनको बहुत ही मंहगा पड़ सकता है जिसके बाद से इलाके के ग्रामीण मामले को लेकर उग्र आंदोलन करने की तैयारी शुरू कर दी हैं ।
उन्होंने जमीन में कटे अवैध रूप से हजारों पेड़ों की शिकायत आसनसोल वन विभाग को दे दी जिसके बाद वन विभाग की टीम घटना स्थल पर पहुँच जमीन माफियाओं के कार्य को रुकवा दिया और साथ ही जमीन पर चलाए जा रहे दो जेसीबी मसिनो को जब्त कर अपने साथ ले आए।
जमीन माफियाओं ने अपनी ऊंची पहुँच और पकड़ से दोनों जेसीबी मसिनो को छुड़वा लिया और मामले को रफा-दफा करने के चक्कर में जुट गए हैं जिससे नाराज इलाके के ग्रामीण आसनसोल नगर निगम के कमिश्नर सहित जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन और वन विभाग को जन पटीशन देने की तैयारी कर रहे हैं उनका कहना है के अगर भू माफियाओं के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया तो वो उग्र आंदोलन करेंगे और इस मामले को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुँचाएंगे।