दुर्गापुर -दुर्गापुर के सिटी सेंटर अदालत परिसर स्थित कंजूमर एसोसिएशन कार्यालय में 2 दिनों से कर्मियों की लापरवाही के कारण एक जानवर को बंद रहना पड़ा। किसी भी प्राणी को इस तरह बंद कर रखना गैर कानूनी है, ऐसा करने वालों के खिलाफ गैर जमानती मामला दर्ज किया जा सकता है. फिलहाल महकमा शासक के हस्तक्षेप से कंजूमर कर्मियों ने जानवर को बाहर किया। बताया जाता है कि अदालत परिसर में कंजूमर एसोसिएशन का कार्यालय है। जानकारी के मुताबिक गुरुवार को कार्यालय में किसी कारण से एक कुत्ता घुस गया था।
कार्यालय बंद करते समय कर्मियों ने लापरवाही से कार्यालय बंद कर घर चले गए। शुक्रवार को अदालती कामकाज बंद होने के कारण कोई नहीं आया। शनिवार को वकील अदालत पहुँचे। तभी अचानक कार्यालय के अंदर से कुत्ते की रोने की आवाज सुनी। कार्यालय का खिड़की से झांक कर देखा तो दंग रह गए, कार्यालय में कुत्ता बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा था। भूख के मारे कुत्ते की हालत खराब हो रही थी। वकीलों ने मानवता के खातिर जानवर को खाने का सामान खिड़की से फेंका एवं इसकी सूचना महकमा प्रशासक को दी।
सूचना मिलते ही महकमा प्रशासक ने कार्यालय कर्मियों को फटकार लगाते हुए कार्यालय खोलने का आदेश दिया। कुछ देर बाद कर्मी कार्यालय पहुँचे एवं माफी मांगते हुए जानवर को बाहर निकाला। अधिवक्ता संजय गुहा, गोपाल कर्मकार ने बताया कि कार्यालय में इस तरह का जानवर को बंद कर रखना गैर कानूनी है। इससे जानवर की मौत भी हो सकती थी। इंडियन वाइल्ड एक्ट में इस अपराध के लिए गैर जमानती मामला भी हो सकता है।