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लॉकडाउन से बाँसजोड़ा कोलियरी सहित अन्य कोलियरी का पर बुरा असर

लॉक डाउन से बाँसजोड़ा कोलियरी सहित अन्य कोलियरी  पर बुरा असर पड़ा है। बाँसजोड़ा कोलियरी से  डिस्पैच अप्रैल महीने में आधे से भी कम हुई है। अब तक मात्र 13 रैक की यहाँ से डिस्पैच हुई है। जब कि मार्च महीने में 41 रैक की लोडिंग व डिस्पैच हुआ था। डिस्पैच कम होने से यहाँ करीब 50 हजार टन का स्टॉक जमा हो चुका है।

स्टॉक जमा होने से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कर्मियों की माने तो बाँसजोड़ा में कोयले के स्टॉक करने की जगह की कमी महसूस की जा रही है। कोयले ट्रांसपोर्टिंग करने में असुविधा हो रही है। हालांकि यहाँ भी मजदूरों की कमी की वजह से इस लॉक डाउन में कोयले के उत्पादन  भी कम हुआ है।

अधिकारियों की माने तो यहाँ से पावर प्लांटो का कोयला डिस्पैच होता है। लॉक डाउन की वजह से एक तो मजदूर की कमी दूसरे बिजली की खपत में आई कमी की वजह से पावर प्लांटो ने कोयला मंगवाना कम कर दिया है।

बातया जाता है कि बाँसजोड़ा कोलियरी में 5 से 6 हजार टन कोयले का उत्पादन  प्रत्येक दिन की जाती है।आम दिनों में कम से 48 घण्टे में तीन रैकों की लोडिंग यहाँ से की जाती है। जानकारों की माने तो प्रत्येक रैक में 38 सौ टन कोयला लोड होकर यहाँ से निकलता हैऔर महीने में कम से कम तक़रीबन 45 रैक की लोडिंग जरूर की जाती है।

बाँसजोड़ा कोलियरी  परियोजना पदाधिकारी जेके जयसवाल  ने बताया कि  डिस्पैच रुका था पर इस समय डिस्पेच हो रहा है। उत्पादन में भी थोड़ी गिरावट आई है। अप्रैल महीने में 13 रैक लोड किया गया है।

Last updated: अप्रैल 24th, 2020 by Pappu Ahmad