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एफ़आरडीआई के नाम पर जनता में भ्रम फैला रही है विपक्षी पार्टियां : दिनेश सोनी

फाइल फोटो

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रानीगंज में तृणमूल की हुयी सभा एवं उसमें बैंक से जुड़े नए बिल पर नेताओं द्वारा दिये गए बयान का जवाब देते हुये रानीगंज भाजपा महासचिव दिनेश सोनी ने कहा कि जिस तरह से प.ब. की ममता सरकार केन्द्र सरकार की योजनाओ का विरोध करना और योजनाओ का नाम बदल कर अपना नाम देना आदत है उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुवे अब एफ़आरडीआई का विरोध करने में लगी है । पिछले कुछ दिनो से यहाँ रानीगंज में भी इसका काफी दुस्प्रचर हो रहा है। मगर जनता को इसकी जानकारी और लाभ बताना हमारा ही कार्य है। केंद्र सरकार बैंकों में जमा लोगों के पैसे की हिफाजत के पुख्ता इंतजाम करने में लगी है। इसके लिए सरकार फाइनैंशियल रिजॉल्यूशन ऐंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (एफ़आरडीआई) लाने की तैयारी में है।

वित्त मंत्री ने दूर किए हैं डर

उन्होने बताया कि फ़ाइनेंस मिनिस्टर ने एफआरडीआई बिल के प्रावधानों से जुड़ा डर दूर करने की कोशिश भी की। जेटली जी ने कहा कि सरकारी बैंकों में 2.11 लाख करोड़ रुपये लगाने के सरकार के प्लान से ये बैंक मजबूत होंगे और किसी भी बैंक के फेल होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। यदि ऐसी कोई स्थिति पैदा होती है, तो सरकार ग्राहकों द्वारा जमा किए गए पैसे की पूरी तरह से रक्षा करेगी। सरकार इसके बारे में बहुत स्पष्ट है। साथ ही जेटली जी ने कहा, ‘खर्च को तर्कसंगत बनाकर, सरकारी खर्च में लूपहोल्स को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर और पब्लिक फाइनैंशल मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए दूर करने और रिवेन्यू बढ़ाने के नए कदमों के जरिए हमने फिस्कल टारगेट्स हासिल किए हैं।’ एफआरडीआई बिल के बारे में जेटली जी ने कहा कि इस ड्राफ्ट लॉ के प्रावधानों के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

इस बिल का मकसद एक फ्रेमवर्क बनाना है, जिसके जरिए बैंकों, इंश्योरेंस कंपनियों, नॉन-बैंकिंग फाइनैंशल कंपनियों और स्टॉक एक्सचेंजों जैसे फाइनैंशल इंस्टिट्यूशंस की इनसॉल्वेंसी की किसी भी स्थिति में निगरानी की जा सकेगी। ड्राफ्ट लॉ में बेल-इन क्लॉज की कुछ हलकों में आलोचना हुई है। इस बिल में एक रिजॉल्यूशन कॉर्पोरेशन बनाने का प्रस्ताव किया गया है, जो प्रक्रिया पर नजर रखेगा और ‘लायबिलिटीज को राइट डाउन’ करते हुए बैंकों को दिवालिया होने से बचाएगा।

गरीब और ईमानदार लोगो को डरने की कोई भी जरूरत नही है

दिनेश सोनी के कहा कि अब हम समझ सकते हैं कि इससे किन लोगो को समस्या है। इससे गरीब और ईमानदार लोगो को डरने की कोई भी जरूरत नही है .  अभी भी विपक्षी दल के लोग जिस तरह से नोट बंदी और जीएसटी के लिये छाती पीट रहे है वो शायद उत्तर प्रदेश, गुजरात और हिमाचल के नतीजे भूल गये  है कि  जनता से भाजपा को नोट बंदी और जीएसटी के बाद ही वहाँ प्रचंड बहुमत दे कर मोदी सरकार पर अपना विश्वास जताया है।

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Last updated: जनवरी 11th, 2018 by Raniganj correspondent