सनातन संगम की ओर से सराफ स्मृति भवन में स्वामी भूमानंद देव जी महाराज का सतवार्षिकी महोत्सव व धर्म सभा का आयोजन की गई। इस अवसर पर उनके सैकड़ों अनुयाईयो ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर धर्मसभा,परिचर्चा, उनके दर्शन पर चर्चा की गई। समारोह को संबोधित करते हुए प्रोफेसर एवं सनातन संगम के अध्यक्ष सुकुमार घटक ने कहा स्वामी भूमानंद जी महाराज स्वामी,ओंकार नाथ जी महाराज के प्रमुख शिष्यों में से एक थे।
वह अपने जीवन का शुभारंभ एक साधारण शिक्षक से शुरू कीये और बड़े से बड़े विश्वविद्यालयों में उन्हें पढ़ाने का अवसर मिला, लेकिन उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह रही की अंग्रेजी के शिक्षक होते हुए भी कभी भी उन पर अंग्रेजीयत नहीं देखी गई। आनंदमठ के स्वामी लोकनाथ ने स्वामी जी के दर्शन पर अपना विचार रखते हुए कहा कि सरल सहज व्यक्ति के रूप में रहे इंदौर में हिंदू धर्म को बड़े ही सरल सहज तरीके से रखते थे।
इनके जीवन में एक अद्भुत घटना देखने को मिली कि छोटे से छोटे बच्चे को भी जहाँ अपनी ओर आकर्षित करते, वहीं दूसरी ओर बड़े बुजुर्गों के भी स्नेह का पात्र होते थे। जब अवकाश ग्रहण कीये, तो वह छोटे-छोटे बच्चों को लेकर ही स्कूल की स्थापना कीये। आज गुरुकुल स्कूल रानीगंज कोयलाञ्चल के लिए मिल का पत्थर साबित हो रहा है।
इस अवसर पर बुद्धिजीवी विश्वनाथ सराफ़, रमेश सिंह चौहान, प्रोफ़ेसर रवींद्रनाथ दीक्षित ने भी अपने वक्तव्य रखें। सचिव रवीन्द्र भालोटीया ने बताया कि स्वामी जी का इस कार्यक्रम के दरमियान सोमवार को साधु सम्मेलन का भी आयोजन किया है। जिसमें देश के कोने-कोने से साधु उपस्थित हो रहे हैं और यहाँ विचारों का आदान-प्रदान की जाएगी। इसका एक ही उद्देश्य है हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार करना।