लेकिन पुलिस मारपीट करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है. दो तीन लोगो को गिरफ्तार जरूर किया गया है लेकिन असली गुनहगार नहीं पकड़ा गया है. साधुओं ने भी इस बात की पुष्टि की. वही सांसद ने कहा कि साधुओं और संतो के साथ अत्याचार हुआ है और इनका अपमान किया गया हैँ जब इसकी जानकारी उन्हें मिली तो वह थाना पहुंचे. उनके साथ उनके समर्थक थे. पुलिस साधुओं को थाने से हटाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन ऐसा नहीं कर सकी. फिर साधुओं को लेकर वह अपने घर गए. उनके रहने ,खाने की व्यवस्था की. उनकी सेवा की. साधुओं ने कहा कि अब वह गंगासागर नहीं जाएंगे. उन्हें लौटने की इच्छा है. सुरक्षा को देखते हुए वह स्वयं उन लोगों को लेकर जा रहे है. इसी क्रम में शनिवार को वह धनबाद पहुंचे, जहां मीडिया कर्मियों को सारी घटना की जानकारी दी यहाँ एक बात तो साफ हो जाती हैँ कि किसी भी धर्म के प्रति इतनी रुष्ट भावना एक ना एक दिन सत्ता के नशे में चूर रहनेवालों का घमंड अवश्य चकनाचूर करेगी क्योंकि भगवान कहते हैँ कि ” धर्मे रक्षितः रक्षितः मतलब जो धर्म की रक्षा करते हैँ प्रभु उनकी रक्षा में स्वयं खड़े रहते हैँ यही सच्चाई भी हैँ
धर्मे रक्षितः रक्षितः – गंगासागर स्नान हेतु जा रहे साधु संतों पर हुआ हमला उनकी आपबीती उनलोगों की अपनी जुबानी
Last updated: जनवरी 14th, 2024 by