धनबाद । कोयलाञ्चल में दीवारी के पहले धनतेरस की खरीददारी को लेकर बाजार सज चुके हैं। शहर के स्टील गेट, सरायढेला, हीरापुर, पार्क मार्केट, पुराना बाजार, बैंक मोड़ समेत कई स्थानों पर व्यवसायी इस वर्ष अच्छी बिक्री होने का अंदाजा लगा रहे हैं। जगह-जगह पर पीतल, स्टील तथा अन्य धातु के बर्तनों की दुकानें सजी हुई है।
वहीं दुकानदारों का कहना है कि पिछले वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से बाजार काफी मंदा था। जिससे उन लोगों को व्यवसाय में काफी नुकसान उठाना पड़ा था। परंतु इस वर्ष झारखंड सरकार द्वारा कोविड-19 के गाइडलाइन्स का पालन करते हुए त्यौहार मनाने की छूट देकर बाजार में रौनक को बढ़ा दिया है। दुकानदार ग्राहकों को लुभाने के लिए कई तरह के स्कीम और सजावट पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।
मालूम हो कि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।
धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है. जिसके सम्भव न हो पाने पर लोग चांदी के बने बर्तन खरीदते हैं। इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी, गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हैं। इस दिन धन के देव कुबेर, माँ लक्ष्मी, धन्वंतरि और यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है।