धनबाद नगर निगम वन प्रमंडल के द्वारा किया गया वृक्षारोपण आज अपने होने का सबूत मांग रही हैँ और पूछ रही हैँ कि कब इस लोहे के गैबियर से मुझे मुक्ति मिलेगी
Arun Kumar
धनबाद, झरिया के विभिन्न क्षेत्रों में धनबाद नगर निगम वन प्रमंडल द्वारा लगाया गया वृक्षारोपण आज अपने मूल स्वरूप को लेकर तरस रहा हैँ मुख्य रूप से यह पेड़ लगाने की जिम्मेवारी धनबाद नगर निगम के अधीन थी और यह वृक्षारोपण बोर्रागढ़, भूतगरिया एवं प्योर बोर्रागढ़ समेत कई इलाकों में बड़े ही जोर शोर से शुरू किया गया था किन्तु आज यह ढाक के तीन पात के बराबर हैँ चुकि ऐसा मैं क्यों कह रहा हूँ उसकी बानगी कुछ समय पहले देखने को मिलती थी जब यहाँ के जनप्रतिनिधि बड़े ही चाव से पेड़ को लगाकर और फोटो खिचवाने का कार्य किया करते थे और मीडिया में भी चलता था कि चलो कुछ तो कार्य हो रहा हैँ अब इंसान को सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी किन्तु सब इसके उल्टा दिखा जब आज हमारी मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क की टीम ग्राउंड पर जाकर इसकी जाँच पड़ताल किये तो मामला समझ में आया की कैसे झारखण्ड सरकार की अतिमहत्वकांक्षी योजना आज इस लोहे के गैबीयर के अंदर सिमट के रह गई हैँ कोई देखने वाला नहीं हैँ जबकि इस योजना में अशोक का वृक्ष, लिपटस का पेड़ एवं बांस भी लगाया था किन्तु आज इसके रखरखाव एवं नहीं देखने के कारण सब विलुप्त सा हो गया हैँ वहीँ लगभग आठ से दस हजार वृक्ष लगाया गया था किन्तु आज ये पेड़ विलुप्त के कगार पर हैँ कौन हैं जिम्मेदार और कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी यह समझ से परे हैँ वहीँ धनबाद नगर निगम को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए और जो बड़े आलाधिकारी हैँ उनको भी इस मामले में कार्रवाई करने की जरुरत हैँ कि कैसे वृक्ष लगाकर उसको ध्यान नहीं दिया गया हैँ और पुरे क्षेत्र के लगभग सभी पेड़ सुख गए हैँ और क्यों नहीं उन सभी पर कार्रवाई हो जिसको इस वृक्षारोपण करने के साथ साथ इसके रख रखाव की भी जिम्मेवारी दी गई थी