आस्था का छठ महापर्व नहाय – खाय के साथ शुक्रवार से शुरू होगा जो की चार दिनों तक चलेगा, इस छठ महापर्व के पावन मौके पर नदी और तालाबों में छठ वर्तियों की उमड़ी भीड़ वहीँ लगभग सभी तालाबों व घाटों की मरम्मत व साफ-सफाई का काम काज पूरा हो चुका है. इसके साथ ही घाटों को सजाने का कार्य भी अंतिम चरण में है यह महापर्व छठ सूर्य देव को समर्पित एक महत्वपूर्ण पौराणिक हिंदू त्योहार है जो की भारत के बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों में लोग इस चार दिवसीय त्योहार को बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाते हैँ माँ छठी मैया का महत्व का वर्णन पुराणों में भी बतलाया गया हैँ जो कोई भी भक्त सच्ची भक्ति से माँ का यह छठ वर्त पूरी निष्ठा के साथ करता हैँ तो माँ उसकी मनोकामना अवश्य ही पूरी करती हैँ ऐसी मान्यता हैँ वहीँ सनातन धर्म में छठ माँ का यह पर्व महापर्व के नाम से भी प्रशिद्ध हैँ चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व सभी हिन्दू धर्म को समर्पित हैँ ऐसी मान्यता हैँ जबकि माँ छठ का यह स्वरूप अपने आप में अनूठा हैँ क्योंकि यही एक ऐसा महापर्व हैँ जिसमें की सभी लोग स्वयं ही खाने से लेकर पहनने तक का ख्याल पूरी श्रद्धा के साथ रखते हैँ और तो और साफ सफाई को लेकर भी लोगों में एक अलग तरह का भाव और प्रेम झलकता हैँ और सभी लोग मिलजुलकर छठ माँ का यह पर्व को मनाते हैँ तभी इस पर्व को महापर्व के नाम से सम्बोधित किया गया हैँ, जय छठ माँ
धनबाद के पुरे कोयलाँचल में छठ महापर्व की मची धूम

Last updated: नवम्बर 17th, 2023 by