धनबाद बरोरा की रहने वाली मानमति देवी ने अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में मानवाधिकार सहायता संघ के प्रदेश अध्यक्ष गौरव शर्मा एवं प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ शिल्पी शर्मा से संपर्क किया और पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मेरा विवाह विजय बेलदार से हुआ था और उसके बाद मेरे 2 पुत्र भी हुए और मेरे पुत्र अच्छे कॉलेज में पढ़ रहे हैं और मेरे पति सरकारी नौकरी करने के बावजूद मुझे संदेह है कि वे किसी महिला के झांसे में आकर अपनी सारी कमाई और संपत्ति लूटा रहे हैं। काफी समझाने के बाद भी जब वो नही माने तो मैं उस महिला के पास गई तो उस महिला ने मेरे पति को बुलाकर मेरे साथ गाली गलौज किया और मारपीट की उसके बाद जब मैं अपने घर आई तो मेरे पति ने मुझे समझाया कि ऐसा कुछ भी नहीं है बिना मतलब का संदेह ना किया करो । जब उन्होंने यह बात कही तो मुझे लगा कि मैं गलत ही संदेह कर रही हूं लेकिन 2 दिन पहले मुझे उनके मैसेज जो उस महिला को करते हैं और जो भी पैसे का लेन देन उनके साथ करते हैं उनका प्रमाण मेरे पास आया तो मैंने जब इसका विरोध किया तो उन्होंने मेरे साथ बहुत ही ज्यादा मारपीट की जिससे कारण मुझे जान बचाकर अपने मायके भाग कर आना पड़ा। उसके बाद मेरे पति मेरी कोई भी खोज खबर नहीं लेने लगे और कहने लगे कि तुम्हें भी एक ही घर पर रखेंगे और वह महिला भी साथ में रहेगी तब मुझे अपना जीवन खतरे में नजर आने लगा वहीँ सारी बातें सुनने के बाद मानवाधिकार सहायता संघ के गौरव शर्मा और शिल्पी शर्मा ने तत्काल ही महिला के पति से संपर्क किया और उसे समझाने की कोशिश की और नजदीकी थाना में जाकर लिखित रूप में उनके पति से प्रमाण लिया की वह उस महिला से आज के बाद किसी तरह का कोई संपर्क नहीं रखेंगे और जो भी उनकी कमाई है उसका पूरा हक अपनी पत्नी को देंगे। दोनों पक्षों में समझौता के पश्चात मानमती देवी ने मानवाधिकार सहायता संघ को धन्यवाद दिया और कहा कि जिस तरह मानवाधिकार सहायता संघ घर को टूटने से बचा रही है और घर बसाने का कार्य कर रही है वह सराहनीय है जिसके लिए मैं पूरे टीम को धन्यवाद और शुभकामनाएं देती हूँ,
टीम मानवाधिकार सहायता संघ,