बाघमारा के मुराईडीह फायरिंग मामले में सिंडिकेट समर्थकों के खिलाफ बरोरा थाना में दो शिकायत दर्ज वहीँ वर्चस्व को लेकर दो वर्षो से जारी हैँ दोनों गुट के समर्थको में भारी तनाव,
धनबाद, बाघमारा के मुराईडीह में शुक्रवार को हुई अंधाधुंध फायरिंग और बमबाजी मामले में बरोरा थाना में सिंडिकेट समर्थकों के खिलाफ दो लिखित शिकायत दी गई है, वहीँ एक शिकायत माथाबांध निवासी रूपेश चौहान तथा दूसरी शिकायत चंद्र दीप पाण्डेय द्वारा की गई है। दोनों मामले में 16 लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है जबकि चंद्रदीप ने अपनी शिकायत में छह लोगों के खिलाफ गाली गलौज कर रंगदारी मांगने तथा रिवाॅल्वर सटाकर जान से मारने का प्रयास करने का आरोप लगाया है, जबकि रूपेश चौहान ने 10 लोगों के खिलाफ विधायक ढुलू महतो के इशारे पर रंगदारी मांगने तथा गाड़ी लोड नहीं करने देने और मारपीट करने का आरोप लगाया है। दोनों शिकायतों की जाँच बरोरा पुलिस के द्वारा की जा रही है,जबकि इस संबंध में बरोरा थाना प्रभारी नीरज कुमार ने कहा कि मामले में पुलिस खुद एफआइआर दर्ज कर विधिसम्मत कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि दोषियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। वहीं बराेरा क्षेत्र के जीएम पीयूष किशोर ने कहा कि मामले को प्रशासन देख रहा है। डंप पर तैनात सीआइएसएफ के जवान हर तरह से प्रशासन को मदद कर रहे हैं।
मुराईडीह कोल डंप में कोयले के उठाव पर वर्चस्व को लेकर पिछले करीब दो साल से सिंडिकेट समर्थकों और विरोधियों के बीच विवाद चल रहा है। कई बार हिंसक झड़प हो चुकी है। कई बार झड़प टली भी है। निरोधात्मक कार्रवाई भी हुई है, लेकिन इन सबके बावजूद विवाद खत्म नहीं हुआ है।बता दें कि इस डंप में पिछले एक दशक से सिंडिकेट समर्थकों का वर्चस्व है। गत दो वर्षों में सिंडिकेट विरोधियों का डीओ आने के बाद कोयले के उठाव को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ, जो आज भी जारी है। हिंसक झड़प के साथ-साथ दोनों पक्षों द्वारा आरोप-प्रत्यारोप भी चलता रहता है। विवाद को सलटाने के लिए अभी तक सार्थक प्रयास नहीं हुए, यही वजह है कि तनाव कायम है।
तीन एफआइआर दर्ज की, लेकिन कार्रवाई कुछ भी नहीं
इससे पहले बीते 4 सितंबर को इसी डंप में दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई थी। गोली चली थी। बमों के धमाके हुए थे। नर्सिंग होम के पास भी मारपीट हुई थी, जहां दोनों पक्ष घायलों को इलाज के लिए लेकर गए थे। एक पक्ष का घायल युवक वहां से जान बचा कर भागा था। मामले में पुलिस ने तीन प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई। सिर्फ 107 के तहत नोटिस दिया गया है। इसके पूर्व 16 मार्च 2021 को उक्त डंप में गोलीबारी हुई थी। इस घटना के बाद नौ महीने तक मुराईडीह कोल डंप बंद रहा। विगत वर्ष 6 दिसंबर को डंप चालू हुआ, लेकिन विवाद जस का तस है। कोयले के उठाव पर वर्चस्व को लेकर पुनः खूनी टकराव की स्थिति बनी हुई है। वहीँ पुलिस प्रशासन लगातार शांति बहाल करने को लेकर प्रयासरत हैँ