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कॉंग्रेस ने ठोका दावा, कीर्ति आजाद की जीत पक्की

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संवाददाता सम्मेलन करते हुये ल इंडिया कॉंग्रेस कमिटी के सदस्य, धनबाद लोकसभा पर्यवेक्षक अजमी बारी , साथ में हैं धनबाद जिला कांग्रेस कमिटी की उपाध्यक्ष शाहिदा कमर

धनबाद. ऑल इंडिया कॉंग्रेस कमिटी के सदस्य, धनबाद लोकसभा पर्यवेक्षक अजमी बारी दौरे में बिहार के बाद कोडरमा, गिरीडीह होकर शनिवार को धनबाद पहुँचे. यहाँ नया बाजार स्थित होटल बेंजर में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर उन्होंने कहा कि धनबाद संसदीय क्षेत्र के कई इलाकों का दौरा करने के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि कॉंग्रेस प्रत्याशी कीर्ति झा आजाद की जीत निश्चित है.

किसान, मजदूर, युवा, महिलाओं हर वर्ग का उन्हें भरपूर समर्थन मिल रहा है. भारी मतों से वे जीतेंगे. उन्होंने कहा महागठबन्धन में शामिल सभी दल के पदाधिकारियो के साथ बैठक हुई है सभी ने आश्वस्त कराया है कि कीर्ति झा के पक्ष में महागठबन्धन मजबूती के साथ खड़ा है.

उन्होंने कहा अच्छे दिन की बात कहकर भाजपा सरकार पाँच सालों तक जनता को धोखे में रखा. 15 -15 लाख की बात, गंगा नदी की सफाई, युवाओं को रोजगार देने की बाद ये सभी हवा हवाई रही.

भाजपा हर चुनाव में मंदिर मस्जिद का मुद्दा लेकर आ जाती है. भाजपा शुरू से ही धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाकर वोट लेते आई है. अब जनता संभल चुकी है.

धनबाद जिला कॉंग्रेस कमिटी की उपाध्यक्ष शाहिदा कमर ने कहा कि धनबाद संसदीय क्षेत्र से कीर्ति झा आजाद को उम्मीदवार चुनने का निर्णय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी का है. इसलिए पार्टी में किसी को भी कीर्ति झा के साथ मतभेद नहीं रखनी चाहिए.

उन्होंने कहा हाल के दिनों में जिस तरह से कीर्ति झा को लेकर विद्रोह हुआ उन्हें काले झंडे दिखाए गए यह कही से उचित नहीं था. राहुल गाँधी के निर्णय का स्मरण करते हुए हरेक को आगे बढ़कर कीर्ति झा के हाथों को मजबूत करने की जरूरत है.

ललन चौबे ने कहा कि कोयला मजदूर कीर्ति झा के साथ है. पिछले 21 अप्रैल को निरसा, चिरकुंडा में इंटक के पदाधिकारियो के साथ हुई बैठक में सभी ने एक स्वर से कीर्ति झा को समर्थन दिया है.इधर बस्ताकोला, पुटकी, केंदुआ अन्य क्षेत्रों में हुए दौरे में भी पाया गया है कि मजदूर वर्ग कीर्ति झा के साथ है.

मोदी सरकार के इन पाँच वर्षों के कार्यकाल में कोयला मजदूऱो की स्थिति दयनीय हो चुकी है. मोदी सरकार आने के बाद इंटक को जेबीसीसीआई से बाहर कर दिया गया. इंटक शुरू से मजदूर के हित की लड़ाई लड़ा.

वेतन समझौता 1 से 9 में वह सारी व्यवस्था दिलाने में इंटक का योगदान रहा जिसका अहर्ता कोयला मजदूर रखते है. मजदूर के आश्रित को मिलने वाली नौकरी की सुविधा मोदी सरकार में छीन ली गई. इसके अलावे भी कई अन्य सुविधाओं को भी आज बंद कर दिया गया है.

बीसीसीएल में जहाँ 1 लाख 75 हजार मजदूर कार्यरत थे. आज उनकी संख्या घटकर 40 हजार हो गई है. 1 लाख मजदूर आउट सौर्सिंग में चले गए है. 5 से 7 हजार के वेतन पर उनसे 12 -12 घण्टे काम लिया जा रहा है.

मोदी सरकार के आने के बाद कोयला मजदूरों का जैसे अस्तित्व ही समाप्त कर दिया गया हो. कॉंग्रेस को आज मजदूर वर्ग आशा भरी नजरों से देख रही हैै.

प्रेस वार्ता में महागठबन्धन दल के नेता राम स्वरूप यादव (जदयू) मुमताज कुरैशी, इमरान कादरी, सुखदेव विद्रोही (राजद) ललन चौबे (इंटक) रुस्तम अंसारी (एमसीसी) मौजूद थे.

Last updated: मई 4th, 2019 by Pappu Ahmad