कहते हैं ट्रांसफर पोस्टिंग एवं रिटायरमेंट एक स्वाभाविक संवैधानिक प्रक्रिया है जिनकी प्रतिनियुक्ति हुई है उनकी ट्रांसफर होना तय है, लेकिन एक निश्चित समय सीमा के बाद ट्रांसफर होना संवैधानिक प्रक्रिया का अंग माना जाता है। लेकिन बेहतरीन कार्य करने के बावजूद यकायक चोपारण थाना प्रभारी विनोद तिर्की का हस्तांतरण होना प्रखंड वासियों के लिए एक अबूझ पहेली बन गई है लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि इतना बेहतरीन कार्य करने वाले अधिकारी का ट्रांसफर एकाएक कैसे हो गया। लेकिन यह तो एक प्रशासनिक प्रक्रिया का अंग है, फिर भी उनके द्वारा बिताए गए 11 महीने का कार्यकाल चौपारण प्रखंड में कई बेहतरीन कार्य करने को लेकर चौपारण वासियों को दिलों दिमाग में छाए रहेंगे लोग भावुक है। मायूस भी हैं बताते चलें कि अपने कम समय के कार्यकाल में विनोद तिर्की के द्वारा चौपारण में बेलगाम अपराधियों की नकेल कसी गई डोडा अफीम भांग शराब सहित मादक पदार्थों के कारोबारियों पर प्रशासन का डंडा लगातार चलता रहा 200 से अधिक अपराधियों व तस्करों को गिरफ्तार किया गया ।
कई ऐसे मौके भी आए जिससे धार्मिक उन्माद फैल सकता था, उसको बहुत ही समझदारी के साथ शॉट आउट कराया साथ ही कई ऐसे आपराधिक मामले थे, जिस पर भी पूरी तन्मयता के साथ कार्य किया जा रहा था, और जल्द ही उसको उद्भेदन की जाने की बात विनोद तिर्की द्वारा कही गई थी, लेकिन इस बीच एकाएक उनका ट्रांसफर कर दिया खैर यह तो एक विभागीय प्रक्रिया है, जिसे वरीय अधिकारियों के द्वारा अपने विवेक एवं समय की मांग के अनुसार किया जाता है।
अक्सर अंसारी , चौपारण