कंपनी की मनमानी से हताश मजदूरों ने राज्यपाल को लिखा पत्र
ओडिशा के पारादीप स्थित ओसवाल कंपनी ने 17 वर्ष पहले 201 मजदूर को बिना किसी कारण के नौकरी से निकाल दिया था। तब से निकाले गए मजदूर अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं । पर उन्हें कहीं से कोई राहत नहीं मिल रही है।
राष्ट्रीय एकता मदद के लिए आई आगे
जब राष्ट्रीय एकता के ओडिशा के पदाधिकारियों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने झारखंड के राष्ट्रीय एकता के पदाधिकारी अमित मोदक को इसकी सूचना दी अमित मोदक को जैसे ही सूचना मिली उन्होंने इसपर कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट, श्रम मंत्रालय -भारत सरकार, गवर्नर उड़ीसा प्रदेश को पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई की मांगकी।
पत्र में मजदूरों ने शिकायत किया है कि जब मजदूरों ने निकालने का कारण पूछा तो कंपनी का कहना था कि कारण बताना मैं जरूरी नहीं समझता इसके बाद सभी मजदूरों ने वहां के मुख्यमंत्री , हाईकोर्ट , सभी प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर सूचना दी लेकिन किसी ने मदद नहीं की।
प्रधानमंत्री कार्यालय से कार्यवाही के लिए सूचना भेज दी गई है। श्रम मंत्रालय भारत सरकार से भी कार्रवाई के लिए आदेश दिया गया है लेकिन अब तक उड़ीसा प्रदेश के गवर्नर से कार्रवाई की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
बड़ी आंदोलन के तैयार रहे उड़ीसा सरकार
अमित मोदक ने बताया कि यह 201 मजदूरों की जिंदगी का सवाल है अगर ओडिशा सरकार जल्द ही जवाब नहीं देती है तो एक बड़ी आंदोलन के लिए वह तैयार रहें
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