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सेल आईएसपी के डिप्लोमा इंजीनियर्स के द्वारा पदनाम के मुद्दे को लेेकर धरणा प्रदर्शन किया

सेल आईएसपी के डिप्लोमा इंजीनियर्स के द्वारा 5 नवंबर बृहस्पतिवार को टनेल गेट पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। आईएसपी के डिप्लोमा इंजीनियर्स मैनेजमेंट के द्वारा जूनियर इंजीनियर पदनाम न दिए जाने से नाराज हैं।

उनका कहना है कि अधिकारियों का पदनाम बिना किसी देरी के अपग्रेड कर दिया गया, जबकि डिप्लोमा इंजीनियर्स के पदनाम के मुद्दे को वर्षों से ऐसे ही लटकाकर रखा गया है। सेल मैनेजमेंट के इस पक्षपात पूर्ण रवैये से सभी यूनिटों के डिप्लोमा इंजीनियर्स में भारी आक्रोश है और उनका मनोबल टूट रहा है। जिससे उनकी कार्यक्षमता पर असर पड़ रहा है जिसका सीधा प्रभाव प्लांट की उत्पादकता पर पड़ना तय है।

संगठन के महासचिव मनोज कर ने बताया कि जहाँ एक ओर केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा प्राइवेट सेक्टर में भी डिप्लोमा इंजीनियर्स को जूनियर इंजीनियर पदनाम तथा कैरियर ग्रोथ के अच्छे मौके दिए जाते हैं वहीं सेल में तकनीशियन पदनाम दिया गया है तथा कैरियर ग्रोथ की कोई संभावना नहीं है।

इस संदर्भ में इस्पात मंत्रालय द्वारा मई 2017 में सेल मैनेजमेंट के लिए एक पत्र भी जारी किया था जिसमें डिप्लोमा इंजीनियर्स को अन्य पीएसयू की भाँति पदनाम पर विचार करने को कहा गया था । किंतु 3 वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद सिर्फ एक कमिटी बनाकर मामले को उसमें लटका दिया गया है।

इस सब से क्षुब्ध आईएसपी के डिप्लोमा इंजीनियर एक बार फिर आंदोलन के लिए मजबूर हुए। 5 नवंबर को सेल आईएसपी के सभी डिप्लोमा इंजीनियर्स ने शाम 4 बजे से टनल गेट पर एकत्रित होकर विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया तथा सीईओ को अपना मांगपत्र सौंपा ।

प्रदर्शन में मनोज कर, शांतनु सेनगुप्त, लब कुमार मन्ना,कल्याण बारिक, मीर मुसर्रफ अली, शशि कुमार, प्रवीन कुमार ,सुरजीत दास, नरेश कुमार, द्युति शंकर बेहरा, जौहर अली, के.के सिंह, गोपाल मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

Last updated: नवम्बर 6th, 2020 by News-Desk Asansol