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सामूहिक रूप से दीपक जलाने की परंपरा इस शहर में आज भी कायम है

रानीगंज महापर्व दीपावली एवं काली पूजा का त्यौहार धूमधाम के साथ शांतिपूर्वकसंपन्न हुआ। दीपावली के लिए मशहूर रानीगंज हिंदी भाषियों का एक महत्त्वपूर्ण शहर है , परंपरागत तरीके से इस वर्ष भी रानीगंज में मिट्टी के दीए में सरसों का तेल का दीपक जलाया गया। सामूहिक रूप से दीपक जलाने की परंपरा इस शहर में आज भी कायम है। गोधूलि बेला से पूजन की शुरूआत होते ही मिट्टी के दीये की रौनक देखने को मिलती है।

रानीगंज के वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता भगवती प्रसाद क्याल ने बताया मिट्टी के दीपक जलाने की परंपरा काफी पुरानी है इसका एक प्रमुख कारण है कि रानीगंज में कुल 50 के करीब सरसों तेल के मिल हुआ करती थीऔर यही वजह रहा है कि मिट्टी के दीए में सरसों का तेल न केवल 1 दिन बल्कि 3 दिनों तक दीपक जलाने की परंपरा रही है।

इस वर्ष भी प्रचार माध्यमों की वजह से मिट्टी के दीपक जलाने की परंपरा कायम रही। रानीगंज में अब कई तेल मिले गांड हो गयी है और कुछ बंदी के कगार पर है। बाजार में मंदी का दौर का असर अवश्य देखने को मिली , यहाँ के दुकानदारों का मानना है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग की परंपरा जो चल रही है वह भी बाजार में मंडी लाएक कारण है।

सीताराम जी मंदिर में गोवर्धन पूजा मनाई गई

सोमवार को रानीगंज बड़ा बाजार के हनुमान मंदिर , मारवाड़ी पट्टी , सत्यनारायण मंदिर एवं सीआर रोड स्थित सीताराम जी मंदिर में गोवर्धन पूजा मनाई गई।

सत्यनारायण मंदिर के पुजारी संपत जोशी ने कहा कि गोवर्धन पूजा को अन्नकूट की पूजा भी कह जाती है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा करने से व्यक्ति पर भगवान कृष्ण की कृपया हमेशा बनी रहती है।

गोवर्धन पूजा हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को होती है। भक्तों ने गायों का सिंगार करके उनकी पूजा अर्चना की एवं आरती की इसके पश्चात अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण किया।

सीताराम जी मंदिर के प्रबंधक कमिटी के प्रदीप सराया ने बताया कि यह पूजा ब्रज से आरंभ हुई थी और धीरे-धीरे पूरे भारतवर्ष में प्रचलित हुई। अन्नकूट पूजा के दिन भक्तगण अपने घरों में बिना प्याज लहसुन का विविध पकवान बनाकर कृष्ण भगवान का भोग लगाते हैं एवं प्रसाद के रूप में से ग्रहण करते हैं इससे लोगों के घरों में सुख समृद्धि आती है।बड़ा बाजार हनुमान मंदिर में भी भारी संख्या में भक्तजनों की भीड़ देखी गई लोगों ने अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण किया l

Last updated: अक्टूबर 28th, 2019 by Raniganj correspondent