चौपारण प्रखंड मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर झारखंड बिहार की सीमा पर अवस्थित बिरहोर परिवारों का लगभग एक सौ परिवार निवास करते हैं। चोरदाहा के बिरहोर टोला में एक बिरहोरिन कुछ दिन से बीमार थी, गरीबी एवं लाचारी के कारण उपचार के अभाव में एक जीवन का अंत हो गया। गरीबी एवं लाचारी के कारण से वह अपना उपचार नहीं करा पा रही थी। अंत में आज उनकी मौत हो गई। विकास का दंभ भरने वाले सांसद, विधायक, मुखिया, जिप सदस्य एवं शाशन प्रसाशन, आंदोलन करने वाले किसी बिरहोर परिवारों की लाचारी दिखती नहीं। सरकार केवल अनाज देकर अपने कर्तव्यों को इतिश्री करती हैं। परंतु इनके आवास की स्थिति देखकर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले आंदोलनकारियों को इन लोगों के ऊपर तरस नहीं आता हैं। बता दें कि बीते कुछ माह पूर्व एक बिरहोर की मौत उपचार के अभाव में हो गया था। परंतु कुछ लोगो का कहना था कि गरीबी एवं लाचारी के कारण अपना उपचार नही कर पाने के कारण बिरहोर की मौत हो गया था। चौपारण बीडीओ सह सीओ ने घटना स्थल पर पहुंच कर सरकार के नियम संगत के अनुसार बिरहोर परिवार को सहयोग राशि दिया।
गरीबी और लाचारी के कारण उपचार के अभाव में एक बिरहोरीन कि मौत

Last updated: अगस्त 30th, 2022 by