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बीच नदी में एक बड़े हादसे की राह तकता मौत का पुल

यहाँ कभी भी और किसी भी समय घट सकती है कोई भी बड़ी घटना। लोगों के इस्तेमाल के लिए बने इस बांस के पुल पर चंद पैसों की लालच में कार और मोटरसाईकिलें चलने की दी जाती है इजाजत । पश्चिम बंगाल के दो जिलों को एक साथ जोड़ने वाली बांस के पुल पर मनमानी पैसों की वसूली को लेकर लोगों में आक्रोश ।

पश्चिम बंगाल का आसनसोल इलाका जो कोयले व खनिज के साथ -साथ कई इंडस्ट्रियों से भरा पड़ा है । इस जिले से सटा एक और जिला है बांकुड़ा जो कोयला के साथ -साथ पत्थरों व अन्य कई उद्योग और इंडस्ट्रियल एरिया के नाम से अब काफी तेजी से विख्यात हो रहा है ।

दामोदर नदी से दोनों ओर बसे इन दोनों जिलों को जोड़ने के लिए नदी पर दो ब्रिज हैं जिसमें से एक तो आसनसोल के रानीगंज के रास्ते होते हुये दामोदर नदी पार करती है । और दूसरा आसनसोल का डिसर गढ़ इलाका है । इस इलाके से पुरुलिया जिले से गुजरते हुये लोगों को बांकुड़ा जाना पड़ता है ।

जर्जर बांस के पुल से गुजरती कार

इन दोनों ब्रिजों के द्वारा बांकुड़ा जाने में लोगों को एक से दो घंटे का समय लगता है पर इन दोनों ब्रिजों के अलावा आसनसोल के बर्नपुर नेहरु पार्क के पीछे दामोदर नदी पर बना एक बांस का पुल भी है जो आसनसोल को बांकुड़ा जिले से जोड़ता है ।

इस बांस के पुल पर कुछ लोग 24 घंटे मौजूद होते है और इस पुल से आने -जाने वाले लोगों से मनमानी पैसों की वसूली करते हैं ।मोटरसाईकिल चालकों से 15 रुपए तो कार चालकों से 30 रुपए और आम जनता से 5 और साईकिल चालक से 10 रुपए लेते हैं ।

पहले इस जगह पर नाव के जरिए लोग नदी को पार कर एक जिले से दूसरे जिले में जाते थे पर उन नाव चालकों व कुछ अन्य लोगों ने मिलकर इस बांस के पुल को बनवाया और खुद एक नई रोजगार शुरू की जो राम भरोसे चल रही है ।

अगर कभी भी ये बांस का पुल किसी भी कारण अगर टूट जाता है और उसके कारण किसी भी तरह की जानो माल का नुकसान होता है तो उसका जिम्मेवार कौन होगा ? शायद ये किसी को नहीं पता ।

पर इस पुल पर तैनात लोगों की अगर मानें तो इन्होंने सरकारी टेंडर के जरिए ये पुल का निर्माण किया है और इस पुल पर वसूले जा रहे पैसों का एक हिस्सा राज्य सरकार को भी जा रहा है ।

अब सवाल ये उठता है कि बीच नदी , बांस का यह जर्जर पुल वास्तव में राज्य सरकार के टेंडर से बना है । इस मामले में अभी तक दोनों जिलों के किसी भी अधिकारी से कोई जवाब नहीं मिल पाया है । यदि ये सच है तो राज्य सरकार खुद एक बड़ी दुर्घटना को निमंत्रण दे रही है और गलत है तो अभी तक इस पुल के संचालकों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई और इस तरह के अवैध उगाही पर रोक क्यों नहीं लगाई गई ।

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Last updated: फ़रवरी 1st, 2020 by Rishi Gupta