रानीगंज। शास्त्रों में महालय अमावस्या का बड़ा महत्त्व बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि जिन पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है उन पितरों का श्राद्ध कर्म महालय अमावस्या के दिन किया जाता है। इस दिन अपने पूर्वजों को याद और उनके प्रति श्रद्धा भाव दिखाने का समय होता है। पितृपक्ष के दौरान पितृलोक से पितृदेव धरती अपने प्रियजनों के पास किसी न किसी रूप में आते हैं। ऐसे में जो लोग इस धरती पर जीवित हैं वे अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पितृपक्ष में उनका तर्पण करते हैं।
ऐसे में पित्रों कि आत्मा की तृप्ति के लिए पवित्र नदियों में तर्पण, पिंडदान और ब्राह्राणों को भोजन करवाया जाता है। पितृपक्ष में तर्पण करने से पितृदोष और तमाम तरह के कष्ट दूर होते हैं और महालय अमावस्या के दिन वे अपने लोक पुनः वापस चले जाते हैं। रानीगंज शहर के विभिन्न तालाब व दमोदर नदि पंडित पोखर बरदही तलाव बुजी बांध तलाव तर्पण करने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। सुबह से लोगों की भीड़ तर्पण करने के लिए देखी गई दूर-दूर से लोग वहाँ पहुँचे थे । यह देखते हुए रानीगंज एवं बल्लभपुर पुलिस कमिश्नर रेड की ओर से गली चौराहे पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी।