चौपारण प्रखंड के ग्राम हजारीधमना में मनरेगा से संचालित लगभग सभी योजनाओं में सरकारी राशि का दुरुपयोग कर राशि का बंदर बाँट किया गया है। जिसका भंडाफोड़ गाँव के ही मुखिया प्रत्याशी विनोद सिंह ने मौखिक व लिखित किया, जिसमें हजारीबाग डीसी व मुख्यमंत्री तक आवेदन देकर जाँच की मांग कर रहे हैं। लेकिन प्रखंड के बीपीओ गोपाल प्रसाद सहित अन्य संबंधित मनरेगा कर्मी और जाँच के लिए नियुक्त किए गए। सरकारी पदाधिकारी भी मामले को लिपापोती करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
शिकायतकर्ता विनोद सिंह ने बताया कि बिना कोई सूचना के अधिकारी जाँच करने पहुँच जाते हैं और छोरी छुपे जाँच कर मामला को रफा-दफा करने में लगे हैं। जबकि रोजगार सेवक ने गलती को स्वीकार कर रहा है। फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है और सूचना अधिकार के तहत जब मैं रिपोर्ट माँगा तो एक महीने से टहलाया जा रहा और आज कृषी पदाधिकारी से बात होने पर बताया गया कि कोई जाँच नहीं होगी पर हैरत करने वाली बात यह है कि बात होने के एक घंटे के अंदर पदाधिकारी (जिला कृषि पदाधिकारी) जाँच करने स्थल पर टीम पहुँच गए।