Site icon Monday Morning News Network

अन्नकूट, गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर की गई गाय की पूजा, गोबर से बनाये जाते हैं पर्वत आकृति

रानीगंज। द‍िवाली के अगले दिन यानि बुड्ढा दीवारी के के दिन जगह गोवर्धन पूजा की परम्परा है। रानीगंज शहर के प्रमुख सीताराम जी मंदिर में बड़ा बाजार हनुमान मंदिर सत्यनारायण मंदिर में विशेषकर आज के दिन गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर अन्नकूट पूजा का आयोजन होता रहा है इस दिन महाप्रसाद की परंपरा है। सुबह से ही भक्तजन अन्नकूट भगवान का पूजा अपने श्रद्धा सुमन शक्ति सेवा के माध्यम से करते हैं । हिंदू शास्त्रों के मुताबिक इस दिन भगवान कृष्‍ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है। यही नहीं इस दिन 56 या 108 तरह के पकवान बनाकर श्रीकृष्‍ण को उनका भोग लगाया जाता है। इन पकवानों को ‘अन्‍नकूट’ कहा जाता है।

मान्यता है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी अंगुली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और मनुष्‍यों के जीवन को देवराज इंद्र के कोप से बचाया था, यानि भगवान कृष्‍ण ने देवराज के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। उस द‍िन से ही गोवर्धन पूजा की शुरूआत हुई। इसे अन्‍नकूट पर्व भी कहते हैं। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर उनकी पूजा करते हैं। फोटो महाभोग की तैयारी

Last updated: नवम्बर 5th, 2021 by Raniganj correspondent