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कुनुस्तोरिया कोलियरी खदान में लगी आग और गैस रिसाव पर नियंत्रण पाया गया

रानीगंज । इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के कुनुस्तोरिया कोलियरी खदान में लगी आग और गैस रिसाव पर नियंत्रण बाहरहाल लगभग हो गई है। 13 अक्टूबर को खान के तीन नंबर पीठ से उत्पादन के लिए आज सुबह के पाली में 113 श्रमिक खान में गए । लेकिन सभी श्रमिकों ने योजनाबद्ध तरीके से खान को बचाने के उद्देश्य से पूरे खान का सर्वेक्षण किया। एक टीम वर्क के तहत खान श्रमिक स्वयं खान को बचाने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं। यहाँ तक की अपनी जान को बाजी लगाकर खान श्रमिक खान को बचानेे में लगे यहाँ कार्यरत श्रमिक खान श्रमिकों का कहना है कि वर्ष 2009 वाली घटना नहीं होने देंगे हालांकि आज तलक प्रबंधन का रवैया क्या है इस खान को लेकर कोई अस्पष्ट नहीं है। दूसरी ओर दो नंबर पीठ से सुरक्षा कर्मी 8 कर्मियों का एक ग्रुप बनाई गई है। कुल 3 ग्रुप है खान के अंदर आग प्रभावित वालेे क्षेत्र स्टॉपिंग लगानेे का काम कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक एसईसीएल मुख्यालय सख्त कोरिया में डायरेक्टर टेक्निकल के.के गुप्ता एवं डायरेक्टर पर्सनल विनय रंजन और आला अधिकारियों के साथ श्रमिक संगठन के बीच आज सुबह एक बैठक भी हुई जिसमें श्रमिक नेता चंडीदास बनर्जी सोहराब अली, देवाशीष घोष आदि प्रमुख नेता गन ने इस बैठक में हिस्सा लिया। हालांकि इन नेताओं ने अपनी ओर से कोई भी मंतव्य देने से इनकार किया। इस पर श्रमिकों सवाल खड़ा किया है कि बंद कमरे में कौन सी बातें की गई जिससे यह खान भविष्य में सुरक्षित रहे सूत्रों का कहना है खान को बचाने के लिए मात्र 1200000 रुपए का फंड आवंटित किया है जो ऊंट के मुँह में एक जीरा के सामान माना जा रहा है। भूगर्भ खान पर कोल इंडिया प्रबंधन का ध्यान लगभग निष्क्रिय है। खान उद्योग को निजीकरण में ले जाने का नियंत्रण प्रयास की जा रही है या आरोप लगाते हुए के केएमसी के नेता एसके पांडे ने कहा प्रबंधन को मालूम है कि कस्तूरिया कोलियरी क्या माइंस में मीथेन का प्रमाण अधिक है। इसके पहले भी घटना घट चुकी है, इसके बाद भी कोल इंडिया प्रबंधन ने अब तक जिस रूप से कार्यवाही होनी चाहिए नहीं कि जा रही है।

उन्होंने घटना के संदर्भ में बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि धान श्रमिकों की कमी है । सेफ्टी विभाग में काम करने वाले कर्मियों से भी उत्पादन का काम करवाया जाता है। यही वजह है कि खान सुरक्षा पर जाँच पड़ताल सही रूप में नहीं हो पाती है यह तो ईश्वर कृपा है कि आज तलक या खान बची रही आज भी खान के ऊपर कोलियरी के जैन जैन आशीष मुखर्जी पर आरोप लगता रहा कि वह एक ऐसे अधिकारी हैं । जब मन चाहे कोलियरी में आते हैं, जबकि नियम के तहत कोलियरी के एजेंट मैनेजर इंजीनियर को वक्त पर खान के अंदर जाकर खान की सर्वेक्षण न करना दायित्व है और इस दायित्व का निर्वाह नहीं किया गया बाहर हाल इस खान के सैकड़ों श्रमिक आज भी खान के प्रति अपनी आस्था व्यक्त कर रहे हैं और खान को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

Last updated: अक्टूबर 13th, 2020 by Raniganj correspondent