सालानपुर। देश से लेकर राज्य की इंफ्रास्ट्रक्चर को धरातल पर मजबूती के साथ गढ़ने का जिम्मा ठेकेदार के कंधों पर होती है,
ठेकेदार की ईमानदारी से ही भविष्य की नींव मज़बूत होती है, अन्यथा भ्रस्टाचारी ठेकेदार दीमक से भी ज्यादा घातक होते है,
जो समाज की विकास को अनंन्तकाल के लिए खोकला कर देते है।
साथ ही सरकार की करोड़ों रुपए की विकास राशि को डकार जाते है, और निर्माण की गुणवत्ता जीरो बटा सन्नाटा हो जाता है,
ताज़ा उदाहरण चित्तरंजन-नियामतपुर मुख्य मार्ग की यह तस्वीर देंदुआ मोड़ से महज कुछ दूरी पर स्थित बालाजी ग्लास फैक्टरी के निकट की है,
इस मार्ग को महज कुछ महीने पहले पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाया गया था।
करोड़ो रुपए की लागत से बनी इस सड़क का ठेका एमएस उद्दोग एंड कंपनी को दी गई थी,
जल निकासी के लिए देंदुआ मोड़ से चौरंगी मोड़ तक जरूरत के हिसाब से हाई ड्रेन(नाला) का भी निर्माण किया गया था,
किन्तु कुछ दिनों बाद ही हाई ड्रेन की छत तास की पत्तों की तरह बिखर गई,
स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले एक ट्रॅक यहाँ धस गई थी, नाला का निर्माण भी ठीक से नही किया गया है, नाले की ऊँचाई सड़क से नीचे है,
गुणवत्ता इतनी खराब है की नाले की ढ़लाई बिस्कुट की तरह टूट गई।
और अब यह जगह और भी खतरनाक हो गयी है, जहाँ कभी भी दुर्घटना घट सकती है।
मामले को लेकर एमएस उद्दोग एंड कंपनी के मैनेजर प्रदीप भट्टाचार्य से पूछने पर उन्होंने बताया की इस कार्य को एक स्थानीय ठेकेदार को पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर दिया था,
मामलें की जानकारी उन्हें दे दी गयी है जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा।