आसनसोल में तृणमूल ने पूरा किया भाजपा का सपना
आसनसोल :- भारत को कांग्रेस मुक्त करने का सपना पाले भाजपा के सपने को आसनसोल में तृणमूल कांग्रेस ने पूरा कर दिया।
इस क्षेत्र से एक मात्र बचे कांग्रेस के पार्षद भी सोमवार(4 सितंबर) को
अपने समर्थको के साथ तृणमूल में शामिल हो गए.
अब यह क्षेत्र कांग्रेस विहीन हो गया.
सोमवार को आसनसोल स्थित तृणमूल जिला कार्यालय में वार्ड संख्या 104 के कांग्रेस पार्षद अभिजित आचार्या
व उनकी पत्नी सह 105 की कांग्रेस पार्षद इन्द्राणी आचार्या ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया.
जिला अध्यक्ष वी. शिवदासन दासु ने थमाया झण्डा
तृणमूल जिला अध्यक्ष वी. शिवदासन दासु ने दोनों कांग्रेसी पार्षदों को तृणमूल का झंडा थामकर पार्टी में शामिल किया. इसके साथ ही बीसी कॉलेज, आसनसोल के प्राचार्य फाल्गुनी मुखर्जी, टीडीबी कॉलेज,रानीगंज के प्राचार्य असीस कुमार दे तथा माकपा के जामुड़िया पंचायत सदस्यो ने भी तृणमूल कांग्रेस जॉइन कर लिया.
इस दौरान मेयर जीतेन्द्र तिवारी, उपमेयर तबस्सुम आरा, कुल्टी विधायक उज्जवल चटर्जी समेत तृणमूल के कई गणमान्य नेता उपस्थित थे.
आसनसोल नगर निगम में कांग्रेस के तीन पार्षद थे
मालूम हो कि बीते निकाय चुनाव में मात्र कुल्टी क्षेत्र से कांग्रेस के तीन पार्षद उम्मीदवार विजयी हुए थे.
जिसमे से एक पहले ही तृणमूल में शामिल हो गए थे।
बाकि बचे दो कांग्रेसी पार्षद भी तृणमूल में शामिल हो गए. जिससे यह क्षेत्र कांग्रेस विहीन हो गया.
कार्य करना है तो दल क्या मायने रखता है
वही अभिजित आचार्या ने बताया कि अलग राजनितिक दल के पार्षद होने के कारण कार्य करने में परेशानी हो रही थी।
राज्य की मुख्यमंत्री द्वारा किये जा रहे कार्यो से वे काफी प्रभावित हुए है, जिसके कारण वे अपनी पत्नी व समर्थको के साथ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.
ऐसे दल-बदलू लोग किसी के नहीं होते है, वे जनता के हित में क्या कार्य करेंगे
अभिजित आचार्या के तृणमूल में शामिल हो जाने से आसनसोल व कुल्टी के कांग्रेसियों में काफी नाराजगी देखी गयी.
क्षुब्द्ध कांग्रेसियों का कहना है कि ऐसे दल-बदलू लोग किसी के नहीं होते है, वे जनता के हित में क्या कार्य करेंगे.
कुछ दिन पहले ही उप मेयर के साथ हुआ था विवाद
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कुछ दिन पहले ही तिरपाल वितरण को लेकर उप मेयर तबस्सुम आरा
और उनके पति के साथ विवाद हुआ था, बात थाने तक जा पहुंची थी।
उपमेयर के खिलाफ अनशन भी किया था
जिसे मेयर के आश्वाशन के बाद खत्म किया गया।
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