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बैंको के डूबते कर्ज पर कांग्रेस ने मोदी सरकार से जवाब मांगा

1 सितंबर को कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में
एनपीए से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में प्रो. गौरव वल्लभ ने कहा कि देखिए, एक आंकड़ा मैं आपको कोट करता हूँ और वो रिजर्व बैंक के सोर्स का आँकड़ा है। 2013-14 में एनपीए का आँकड़ा था ढाई लाख करोड़, जो आज है 11.5 लाख करोड़।

 

एनपीए घोषित करने के तय नियम हैं

एनपीए कोई मनमर्जी से घोषित नहीं होता है। कोई बैंक ये थोड़े ही कि ये कस्टमर गौरव अच्छा नहीं है इसको एनपीए लिख दो। एनपीए क्लासीफिकेशन के नियम होते हैं। वो नियम क्या है कि कोई व्यक्ति जब उसका पैसा बकाया होता है पेमेंट के लिए, उसके 90 दिनों में अगर वो भुगतान नहीं करता है, तो वो अकाउंट क्लासीफाई हो जाता है नॉन परफॉर्मिंग एसेट ।

मोदी जी के कार्यकाल में यदि उद्योगपतियों ने कर्जा नहीं चुकाया तो उसके लिये कांग्रेस कैसे दोषी हो गयी

आप एक चीज बताइए मैं माननीय प्रधानमंत्री और माननीय वित्तमंत्री जी से पूछना चाहता हूँ कि कोई व्यक्ति 90 दिन आपके कार्यकाल में नहीं भुगतान कर पा रहा है, तो उसका दोष आप हमको कैसे दे सकते हो। हमारे कार्यकाल में वो पैसा दे रहा था। आपके कार्यकाल में नहीं दे पा रहा, सीधा-साधा इसका उत्तर है क्योंकि आपके यहाँ इंडस्ट्रियल ग्रोथ है नहीं, लोग जो बोनाफाईड, जो इंडस्ट्रियालिस्ट हैं, उनके उद्योग-धंधे आपने बंद करा दिये, एमएसएमई सैक्टर को चौपट कर दिया, एक्सपोर्ट आपने ऑलटाइम लो पहुँचा दिए, तो एनपीए होने ही थे।

संवाद सूत्र : रिजवान राजा -नई दिल्ली

Last updated: सितम्बर 1st, 2018 by Central Desk - Monday Morning News Network