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मैथन डैम और कल्यानेश्वरी मंदिर क्षेत्र में प्लास्टिक उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंध

कल्यानेश्वरी। मैथन पर्यटन क्षेत्र को पर्यावरण  के अनुकूल बनाये रखने के लिए तथा यहाँ की मनोरम पहाड़ियों और मनमोहन दृश्य को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कल्यानेश्वरी पुलिस कमर कश ली है, गुरुवार को कोलकता मुख्य न्यायमूर्ति एवं आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट की निर्देशक पर सालानपुर थाना की अगुवाई में कल्यानेश्वरी पुलिस द्वारा कल्यानेश्वरी मंदिर के निकट जागरूकता अभियान चलाया गया, कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित सालानपुर थाना प्रभारी अमित कुमार हाटी, कल्यानेश्वरी फाड़ी प्रभारी उज्जल साहा एवं चौरंगी फाड़ी प्रभारी आलोकेश बनर्जी ने संयुक्त रूप से क्लीन मैथन ग्रीन मैथन अभियान के तहत प्लास्टिक उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंध के लिए दुकान प्रतिष्ठान एवं आम जनता के बीच पर्ची बाटी गई साथ ही अनुरोध किया गया कि सिंगल यूज प्लास्टिक आज से सम्पूर्ण बंद है, आदेश की उलंघन करने वालों पर कानून सख्ती से कार्यवाही करेगी, साथ ही पुलिस ने कहा आम लोग बाजार करने के लिए घर से थैला लेकर निकले, दुकानदार कागज से बने ठोंगा का उपयोग करें, इसके लिए पहले चरण मैं मैथन डैम पर स्वयं सेवी संस्था द्वारा कागज से बने थैला, ठोंगा एवं अन्य पर्यावरण अनुकूल वस्तुओं के लिए उचित मूल्य की दुकान खोली गई है। सालानपुर थाना प्रभारी अमित कुमार हाटी ने कहा क्लीन मैथन ग्रीन मैथन के लिए कमेटी गठित की गई है, जिसमें, पुलिस, स्थानीय समाजसेवी संगठन, डीवीसी प्रबंधन, मंदिर कमेटी, होटल संचालक, नोका संचालक, दुकानदार एवं पत्रकार भी शामिल है, क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सभी प्रकार के उपाय किए जा रहे है, जिसमें प्लास्टिक प्रदूषण से लेकर ध्वनि प्रदूषण तक सामिल है, पूरे अभियान को सीसीटीवी कैमरा से भी मोनिटर किया जाएगा, जिसके लिए मैथन डैम, लेफ्ट बैंक कॉलोनी एवं कल्यानेश्वरी मंदिर के निकट सीसीटीवी कैमरे लगाई गई है। कार्यक्रम में देंदुआ पंचायत उपप्रधान रंजन दत्ता, होटल एसोसिएशन सचिव मनोज तिवारी, समेत अन्य उपस्थित रहे।
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक?
सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब उन प्रोडक्ट से है। जिसे एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आसानी से डिस्पोज नहीं होता। सिंगल यूज वाले प्लास्टिक में पैकेजिंग से लेकर बोतलें, पॉलिथीन बैग, फेस मास्क, कॉफी कप, क्लिंग फिल्म, कचरा बैग और फूड पैकेजिंग जैसी चीजें आती हैं।
क्या है अब विकल्प?
एडीपीसी ने लोगों से इको-फ्रेंडली विकल्प चुनने का अनुरोध किया है। प्लास्टिक थैलियों की बजाय कॉटन थैलियों का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।  प्लास्टिक की थैलियों की जगह नेचुरल क्लोथ का उपयोग किया जा सकता है। ऑर्गेनिक कॉटन, ऊन या बांस से बने टिकाऊ कपड़े जो धोने पर प्लास्टिक के रेशे नहीं छोड़ते हैं।

Last updated: जून 30th, 2022 by Guljar Khan