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इन फैक्ट्रियों की प्रदूषण और गैस से त्रस्त ग्रामीणों की जिला प्रशासन से शिकायत , बृहद आंदोलन की चेतावनी

सालानपुर। रोजगार और विकास की बुनियाद पर उद्योग की नींव किसी भी राज्य की प्रगतिशील रूप रेखा को समृद्धि की पटल पर सुशोभित करती है। उद्योग खुलना उपलब्धि और बंद हो जाना बर्बादी समझी जाती है। लेकिन कभी-कभी यही उद्योग आस-पास के लोगों के लिए बर्बादी का कारण बन जाती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब फैक्ट्री संचालक सरकार द्वारा निर्धारित प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण मानक से लेकर नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हैं।

सालानपुर ब्लॉक के जेमारी स्थित एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। जहाँ गाँव के सैकड़ों ग्रामीणों ने एकजुट होकर यहाँ संचालित तीन फैक्ट्रियों के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए सालानपुर बीडीओ से लेकर पश्चिम बर्द्धमान जिला शासक से गुहार लगायी है।

तीन फैक्ट्री द्वारा प्रदूषण फैलाने की शिकायत

इन फैक्ट्रियों द्वारा प्रदूषण फैलाने की शिकायत

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बी जेमारी स्थित संचालित आयुष मिनरल्स(कोरजाइट फैक्ट्री), शकुंतला (कोरजाइट फैक्ट्री), तथा जॉय सिटी मिनरल(रेमिन मॉस प्लांट) से निकलने वाली जहरीली गैस व प्रदूषण से पूरा ग्रामीण त्रस्त है। इतना ही नहीं ध्वनि प्रदूषण से यहाँ के लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। रात के समय प्रदूषण और भी विकराल रूप धारण कर लेती है।

खेती पर हो रहा है असर

ग्रामीणों का आरोप है कि ऊपरोक्त तीनों प्लांट में आस-पास की क्षेत्रों से अवैध रूप से एकत्रित पत्थर की पिसाई की जाती है। आयुष मिनरल्स और शकुंतला में काले पत्थर की पिसाई कर कोरजाइट बनाया जाता है। जॉय सिटी मिनरल्स में सफेद पत्थर की पिसाई कर रेमिन मास बनाया जाता है। फैक्ट्रियों से निकलने वाली प्रदूषण से आस-पास की खेती और फसल बर्बाद हो चुकी है।

ग्रामीणों का कहना है कि निरंतर किसानों की फरियाद के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों का दावा है कि प्लांट में कार्यरत मज़दूर जहरीली गैस और प्रदूषण के कारण उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति खराब हो चुकी है।

बार-बार शिकायत के बाद भी नहीं होती है कार्यवाही

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लगभग एक माह पूर्व सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षर युक्त शिकायत सालानपुर बीडीओ को सौंपा गया था किंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई अलबत्ता अब बाध्य होकर जिला शासक से मामले को लेकर गुहार लगाई है।

मामले को लेकर सालानपुर बीडीओ तपन सरकार से पूछने पर उन्होंने बताया कि मामले को लेकर ग्रामीणों द्वारा शिकायत मिली है। जिसके संदर्भ में आईडीओ एवं एमडब्ल्यूआई दो अधिकारियों को जाँच करने का आदेश दिया गया है। विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित फैक्ट्रियों पर कार्यवाही किया जाएगा।

मामले को लेकर आयुष मिनरल्स संचालक सिंटू मंडल ने कहा प्लांट है तो प्रदूषण होगा ही,अगर ऐसा ही रहा तो प्लांट बंद कर देंगे।

शकुंतला प्लांट मैनेजर नरेंद्र कुमार जोशी का कहना है कि प्लांट गाँव से दूर है, प्रदूषण भी नहीं है।

जॉय सिटी संचालक मनोज टोडी का कहना है कि प्लांट होने से आस-पास के दर्जनों लोगों को यहाँ रोजगार मिला है। फिलहाल प्लांटो की स्थिति ठीक नहीं है, फिलहाल उन्हें शिकायत के बारे में मालूम नहीं है।

पूरे मामले में ग्रामीणों का तीनों फैक्ट्रियों को पूर्ण रूप से बंद कर देने का आग्रह है, अन्यथा ग्रामीणों द्वारा शिकायत में उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी गयी है।

Last updated: अगस्त 10th, 2019 by Guljar Khan