नियामतपुर – होली के पूर्व संध्या में होलिका दहन की जाती है, मान्यता है कि इस अग्नि में सारी बुराइयाँ और भेद-भाव भष्म हो जाती है। इसकी एक बानगी नियामतपुर में भी देखने को मिली। जब होली के पूर्व संध्या नियामतपुर शिवमंदिर मेला मैदान में होलिका दहन कार्यक्रम रखा गया था, जहाँ काफी संख्या में हिन्दू समुदाय की महिला व पुरुष शामिल हुए थे। यहाँ साम्प्रदायिक सद्भावना और सौहार्द की मिशाल भी देखने को मिली। आसपास की कुछ मुस्लिम महिलाएँ भी इस होलिका दहन कार्यक्रम में शामिल हुई और इसका पालन भी किया।
रंगो का त्यौहार होली को लेकर सभी वर्ग में उत्साह रहता है और पूरे भारत में होली खेली जाती है। भारत के कुछ हिस्सों में होली खेलने की अलग-अलग परम्पराये है, लेकिन रंगो का मेल हर जगह देखने को मिलता है। होली ऐसा त्यौहार है, जिसमें दुश्मन भी दोस्त बन जाते है और सभी समुदाय व जाति-धर्म के लोग इस त्यौहार में शरीक होकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं और गले मिलकर शुभकामनाएँ देते है।
भारत देश को गंगा जमुनी तहजीब का अनूठा मिश्रण माना जाता है और ऐसे दृश्य इस मान्यता को और भी मजबूती प्रदान करते है। वर्तमान देश में जहाँ कुछ लोग जात-पात और धर्म-मजहब को लेकर संकीर्ण मानसिकता रखते है कई ऐसे लोग है जो इन संकीर्ण मानसिकता वालों को आईना दिखाने का कम करते है, जिससे हमारी अनेकता में एकता वाली भारतीय संस्कृति साँस लेती है। होली एक ऐसा त्यौहार है जो लोगों के उदास जीवन में भी रंग भर देता है। मन में भरी गंदगियों को अगजा के मार्फत नष्ट कर देता है। तभी तो हम दुनियाँ भर में अपनी एक अलग पहचान रखते है। होली सन्देश देता है कि हमारी जीवन रंगबिरंगी है और मन से भेदभाव का जहर निकालकर हृदय को शुद्ध बनाये ताकि देश तरक्की करे और हम खुशहाल रहे।