Site icon Monday Morning News Network

लॉकडाउन के बाद सीमा पर अफरा-तफरी का माहौल , सीमा पार करने के लिए लोग कोई भी कीमत देने को तैयार

भारत विभाजन के बाद, भारत से पाकिस्तान, और पाकिस्तान से भारत लौटने वालों की तस्वीर आज भी मन को विचलित कर देती है। आजादी के कई वर्षों बाद आज करोना वायरस ने भी कुछ ऐसा ही हाल आम जनता का कर दिया है। तबाही के आभास से खौफ का कुछ ऐसा ही मंजर लगातार 2 दिनों से झारखंड बंगाल की सीमा पर बना हुआ है। अपने-अपने घर लौटने की जद्दोजहद की हकीकत यह तस्वीरें साफ बया कर रही है।

लॉक डाउन , पब्लिक ट्रांसपोर्ट और रेल परिचालन बंद होने के बाद पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में कामगार मजदूर अपने घर लौटने के लिए मालवाहक ट्रक के छत, बस ,पिकअप वैन, समेत अन्य वाहन में खचाखच भरकर झारखंड ,बिहार और उत्तर प्रदेश लौट रहे है। डीबुडीह चेकपोस्ट,मैथन डैम, बराकर और रूपनारायणपुर बॉर्डर के रास्ते ऐसे हजारों लोग अपने घर को लौट रहे हैं।

हालांकि झारखंड एवं बंगाल प्रशासन द्वारा ऐसे किसी भी आवागमन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दी गई है। फिर भी कुछ लोग अधिकारियों से नजरें छुपा कर, तो कुछ लोग मिन्नत और फरियाद कर सीमा पार कर रहे हैं। वाहन उपलब्ध नहीं होने के कारण कुछ लोग दूध की वाहनों में छुपकर और दोगुना किराया देकर घर लौट रहे है। बर्द्धमान, रानीगंज, 24 परगना ,कोलकाता, हावड़ा से आने वाले कुछ लोग पैदल ही बॉर्डर पार कर रहे हैं। जिसके बाद आगे दूसरी वाहनों के सहायता से रास्ता तय कर रहे हैं।

एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि करोना के डर ने ऐसा कहर बरपाया है, कि लोग घर लौटने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। ऐसे में रोने और गिड़गिड़ाने से भी लोग परहेज नहीं कर रहे हैं। अंतिम समय में घर को लौटने वाले अधिकांश लोग मजदूर वर्ग के उन्हें यदि बॉर्डर पर रोक दिया गया तो स्थिति और भी भयावह हो जाएगी ।

Last updated: मार्च 25th, 2020 by Guljar Khan