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कोलियरी के समीप हुई भारी धंसान, लोगो ने बताया ईसीएल प्रबंधन की लापरवाही

धंसान स्थल

अचानक से धंस गई जमीन

सालानपुर -ईसीएल के सालानपुर एरिया अंतर्गत डाबर कोलयरी के फेज 3 लोहाट मुकुडीह शमशान काली मंदिर के समीप सोमवार को अचानक हुए भारी धंसान से आस-पास रहने वालों में अफरा-तफरी मच गयी. इस घटना से पास ही स्थित दो तालाबो का पानी भी सुख गया. साथ ही लगभग 150 फिट लम्बी जमीन पर दरार पड़ने के कारण पास ही स्थित लोहाट और सामडीह के ग्रामीण भारी दहशत में है, घटना की खबर मिलते ही स्थानीय लोगों की की भीड़ घटनास्थल पर जुटने लगी. मौके पर पहुँचे ईसीएल सुरक्षा अधिकारी पवन कुमा, सीआईएसएफ और पहाड़ गोडा पुलिस इंचार्ज मुफिजुर रहमान ने घटना स्थल का निरक्षण किया. साथ ही दरार पड़ी स्थल पर किसी को भी जाने से मनाही कर दी.

दो तालाबो का पानी भी सुख गया

घटना को लेकर स्थानीय लोगों का मानना है कि इस स्थल पर पूर्व में रंगा इनक्लैन भूमिगत खदान संचालित होती थी, विगत 5 साल से यहाँ ओपन कास्ट माईन्स संचालित हो रही है, पूरी जानकारी होने के बावजूद भी ईसीएल प्रबंधन तथा शर्मा आउट सोर्शिंग कंपनी की मनमानी से लगातार हेवी ब्लास्टिंग किया जाता है, जिससे आस-पास के घरों में भी दरारें पड़ चुकी है, अगर समय रहते कोई उपाय नहीं किया गया तो पास ही स्थित प्रख्यात माँ मुक्त चंडी मंदिर को भी भारी नुकसान पहुँच सकता है. ग्रामीणों का कहना है कि उक्त तालाब के तट पर मृत देह जलाया जाता है, चुकी इस घटना से तालाब का अस्तित्व पूर्ण रूप से मिट गया है, ऐसे में ईसीएल प्रबंधन तत्काल कोई निष्कर्ष निकाले अन्यथा उग्र आन्दोलन किया जायेगा.

नियमों को ताख पर रख होती है ब्लास्टिंग

मांमले को लेकर तृणमूल ट्रेड यूनियन नेता दिनेश लाल श्रीवास्तव ने कहा कि तत्काल एजेंट एनके सिन्हा, सुरक्षा अधिकारी काजल बनर्जी तथा ओवरमैन भूमिधर मंडल को बर्खास्त किया जाना चाहिये. उन्होंने घटना के लिए उपरोक्त तीनों अधिकारियों को जिम्मेवार बताया है, उन्होंने कहा कि बीते चार माह से लगातार हेवी ब्लास्टिंग का विरोध किया जा रहा है, किन्तु प्रबंधन के कानो में जूं तक नहीं रेंग रही है, जानकारी के बावजूद भी आज यह भयानक हादसा हुआ है. उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों की मनमानी से यहाँ डीजीएम्एस द्वारा निर्धारित गाईड लाइन को ताख पर रखकर हेवी ब्लास्टिंग तथा अन्य कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है, फलस्वरूप आज यह हादसा हुआ है, अगर समय रहते कोई निष्कर्ष नहीं निकला गया तो आनेवाले समय में और भी वृहद् हादसा भुगतने को प्रबंधन तैयार रहे.

Last updated: जुलाई 2nd, 2018 by Guljar Khan