धनबाद (26/11/2017) झरिया क्षेत्र में व्यवसायी सिक्कों से परेशान हैं. सभी व्यवसाइयों के काउंटर में सिक्कों की भरमार है. उनके पास सिक्के जिस मात्रा में आ रहे हैं उस मात्रा में निकल नहीं रहे हैं. नतीजतन उनके पास सिक्कों का भंडार जमा हो गया है.
मोबाइल कंपनियों के डीलर भी सिक्के लेने से कर रहे इनकार
झरिया , राजबाड़ी गेट के सारदा मोबाईल दूकान के मालिक दिनेश सिंह ने बताया कि उनका मोबाइल रिचार्ज का दूकान है जहाँ सभी कंपनियों के मोबाईल रिचार्ज किये जाते हैं. वे ग्राहकों से तो सिक्के लेते हैं परन्तु मोबाइल रिचार्ज के डीलर उनसे एक भी सिक्का नहीं लेते हैं . नतीजतन उनके पास सिक्कों का अम्बार लग गया है. 5 और 10 के सिक्के तो किसी प्रकार से ग्राहक ले लेते हैं परन्तु 1 रूपए के छोटे सिक्के तो बिलकुल टीन बन गए हैं उसे कोई भी नहीं लेता है.
1 रुपया का छोटा सिक्का पूरी तरह से बंद हो गया है
एक रुपया का छोटा सिक्का पूरे झरिया में कोई भी ग्राहक या दुकानदार लेने को तैयार नहीं होते हैं. सिक्कों की इस परेशानी से उनकी तरह झरिया सहित पूरे धनबाद के लहभग सभी व्यवसायी इसी तरह से परेशान हैं. बैंक भी सिक्के लेने में आनाकानी करते हैं. लेते भी हैं तो इतने नियम लगा देते हैं कि व्यवसाइयों के पास उतना समय नहीं रहता है. 1 रूपए के छोटे सिक्के तो बैंक भी नहीं लेते हैं. उन्होंने धनबाद प्रशासन से अपील की है कि तुरंत इसकी कोई व्यवस्था की जाए अन्यथा व्यवसाय करना काफी मुश्किल हो जाएगा.
सिक्के न स्वीकार करना ‘राजद्रोह’ के समान है
सिक्के न स्वीकार करने की बात भारत के विभिन्न हिस्से से कई बार आती रहती है और इसके मूल में होती है सिक्के के रखरखाव में होने वाली परेशानी . लेकिन एक बार सिक्के न लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है तो फिर यह दावानल की तरह आस-पास के इलाकों में भी फैल जाती है. भारतीय रिजर्व बैंक ने सिक्के के मामले में स्पष्ट करते हुए विज्ञप्ति जारी किया है कि सिक्का न लेने पर धारा 124ए (राजद्रोह एक्ट) के तहत मुक़दमा दर्ज हो सकता है जिसमें न्यूनतम 5 साल से लेकर उम्रकैद तक का प्रावधान है.