रानीगंज । कस्तूरिया एरिया के तहत चलने वाली कनुस्तूरिया कोलियरी के दो नंबर पीठ (खान) में आग लगने को लेकर ईसीएल प्रबंधन युद्ध स्थर पर खान को आग से बचाने के लिए काम कर रही है। समाचार लिखे जाने तक खान में आग प्रभावित इलाके को स्टॉपिंग कर सील करने की प्रक्रिया जारी था।
सूत्रों के मुताबिक कनुस्टोरिया कोलियरी के पीठ नंबर 2 के तहत चलने वाली भूगर्भ माई इन के के 29 एवं 22 डीप मैं बीते शाम को खाने में आग लगने की सूचना प्रबंधन को मिली प्रबंधन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कल शाम से ही आग को बुझाने के लिए काम कर रही है। एरिया के महाप्रबंधक एके कुंडू ने आज खान के अंदर का मुआयना करते हुए कहा कि खान पूरी तरह से सुरक्षित है और नियंत्रण में है।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस घटनाक्रम को देखते हुए यहाँ उत्पादन बंद कर दी गई है लेकिन महाप्रबंधक कुंडू ने बताया कि इस प्रकार की घटना के समय बहुत कुछ ध्यान में रखा जाता है। आज प्रभावित वाले इलाके में स्टॉपिंग जरूरी है जिस से की जा रही है। खान श्रमिक अताउल अंसारी ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से खान के अंदर सी व कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का रिसाव हो रहा था और इसकी गंध भी हम लोगों को मिल रही थी जिसकी सूचना भी हम लोगों ने प्रबंधन को दिया था लेकिन प्रबंधन ने गंभीरता से नहीं लिया था ।
उपस्थित एचएमएस के श्रमिक नेता सोहराब अली ने बताया कि खान को बचाने के लिए यहाँ सभी यूनियन का दबाव जारी है और सहयोग भी हम लोग कर रहे हैं। यहाँ से निकलने वाली कोयले का महत्त्व पूरे देश में है । हम लोगों को भय है कि वर्ष 2009 में जिस 2 बरस तक बंद रहा ऐसा नहीं हो, इसलिए हम लोग हर तरह के सहयोग के लिए हैं। उन्हें आज फिर यहाँ कार्यरत श्रमिकों का आवाज सुनने को मिली के खान में काम करने के लिए उपयुक्त सामग्री तक संसाधन विभाग नहीं देते हैं जब तक खान में काम करने के लिए खान श्रमिकों को जुगाड़ हथियार अच्छी तरह से नहीं मिले तब तक न तो अच्छी तरह से प्रोडक्शन हो सकता है और ना ही श्रमिकों का सुरक्षा मिल सकती है।
अली ने खुले तौर पर कहा कि आज भूगर्भ थानों को बंद करने की साजिश है ऐसा हो रहा है, लेकिन इस ऐसे साजिश को हम लोग नाकाम कर देंगे। सूत्रों का कहना है कि ऐसे ही लापरवाही की वजह से खान दुर्घटनाएं होती है। इसका उदाहरण महावीर खान दुर्घटना न्यू केंद्र खान दुर्घटना है, आज श्रमिक सत्तर्क थे वरना ऐसे ही घटना में कार्यरत 150 श्रमिक से भी अधिक इस घटना के शिकार हो सकते थे।