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बासदेवपुर में ट्रांसपोर्टिंग की आड़ में कोयला तस्करी हो रहा: दिनेश रवानी

बासदेवपुर कोलियरी कोल डंप राजनीतिक अखाड़ा बना हुआ है। बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो व आजसु जिलाध्यक्ष मंटू महतो के समर्थकों का एक दूसरे पर आरोपों का दौर चल रहा है। सोमवार को ढुल्लू समर्थित भाजपा नेता दिनेश रवानी व सुनील रॉय ने कहा कि बासदेवपुर में ट्रांसपोर्टिंग की आड़ में कोयले की तस्करी हो रही है।

कोयले की तस्करी में चाचा भतीजा शामिल

कोयले की तस्करी में आजसु जिलाध्यक्ष मंटू महतो व उसका भतीजा सह ट्रांसपोर्टर पेटिदार संतोष महतो यहाँ से कोयले की तस्करी कर रहा है। दोनों चाचा भतीजा कोयले की तस्करी में लिप्त है। इसलिए ट्रांसपोर्टिंग के लिए परेशान है। दिनेश सहित प्रेसवार्ता में शामिल अन्य लोगों ने भी मंटू महतो पर कई गम्भीर आरोप लगाए। कहा कि जिलाध्यक्ष मंटू महतो पर कई आपराधिक मामले दर्ज है। आज वह सफेदपोश नेता बना हुआ है। प्रेसवार्ता में शामिल लोगों ने बासदेवपुर में सीसीटीवी जल्द लगवाने की मांग की हैं।दिनेश ने कहा कि अब मंटू महतो किसी भी तरह झूठा केस हम पर या हमारे परिवारों एवं अन्य साथियों पर कराएगा। दिनेश और सुनील ने कहा कि तीन महीने का आश्वासन प्रबन्धन के तरफ मिला है कि लोकल सेल चालू होगा।अगर समय अनुसार मांग पूरी नहीं हुई तो इसबार सिर्फ ट्रांसपोर्टिंग,डिस्पैच ही नहीं बल्कि उत्पादन भी बन्द की जाएगी।

बाघमारा में सबसे बड़ा कोयला तस्कर विधायक ढुल्लू महतो है: संतोष महतो

ढुल्लू समर्थकों के प्रेसवार्ता के बाद संतोष महतो ने कहा कि ढुल्लू महतो से बड़ा कोयला तस्कर बाघमारा में नहीं है। उससे बड़ा अपराधी भी कोई नहीं है। यह भी बताये कि अभी अभी जो जेल से निकले हैं कौन सा स्वतंत्रता आंदोलन के केस से निकले हैं? सवाल है कि हम पर जो आरोप लगाया जा रहा है, उसको साबित करे।

मजदूरों के आड़ में रंगदारी वसूलने के लिए राजनीतिक

इधर प्रेस ब्यान जारी कर कॉंग्रेस नेता सह बासुदेवपुर लोकल सेल असंगठित मजदूर संघ के सचिव शंकर केसरी एवंम उपाध्यक्ष मो०जमीर ने कहा कि विधायक ढुल्लू महतो बासुदेवपुर कोलियरी को मजदूरों के आड़ में रंगदारी वसूलने के लिए राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है। बाघमारा में विधायक के रूप में 10 साल राज्य सत्ता में रहे। फिर भी कनकनी, चैतूडीह आदि कोयला लोडिंग साइडिंग में रोडसेल (लोकल सेल) क्यों चालू नहीं कराया।वहाँ के मजदूर और बेरोजगार के लिये लड़ाई क्यों नहीं लड़ी,क्योंकि वहाँ द्रांसपोर्टीग और द्रांसपोर्टर ढुल्लू महतो के इशारे पर चलता है। बासुदेवपुर में उसका नहीं चल रहा है इस लिए मजदूर को आगे कर घडियालु आँसू बहा रहा है। क्या चैतूडीह और कनकनी, मोदीडीह का मजदूर,मजदूर नहीं है?

Last updated: अक्टूबर 5th, 2020 by Pappu Ahmad