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ईसीएल और आउटसोर्सिंग की लड़ाई में डाबर कोलियरी का उत्पादन ठप

ईसीएल सालानपुर एरिया अंतर्गत डाबर कोलियरी में बीते सोमवार से ईसीएल और आउटशोर्सिंग कंपनी की आपसी लड़ाई में लगभग 24 घंटे से डाबर कोलियरी का उत्पादन पूर्ण रूप से ठप है । मंगलवार को भी कोलियरी के कर्मचारी हाजरी बनाकर लौट गए । अलबत्ता आगे भी समाधान होने की कोई विकल्प नहीं दिख रही है ।

घटना के सन्दर्भ में बताया जाता है कि डाबर कोलियरी में कार्यरत आरएलए-एसटीए(कांता शर्मा) नामक जॉइंट वेंचर कंपनी डाबर कोलियरी में उत्खनन का कार्य कर रही है । विगत सोमवार को ईसीएल प्रबंधन के साथ विवाद बढ़ने के बाद कंपनी ने कोलियरी परिसर से अपनी मशीन को बहार निकाल लिया । जिसके बाद से ही उत्पादन ठप है ।

आउटशोर्सिंग कंपनी के मैनेजर कौशिक शर्मा से पूछने पर उन्होंने बताया कि खनन करने के लिए ईसीएल प्रबंधन जगह उपलब्ध कराने में असक्षम है । खदान में जो जगह खनन के लिए निर्दिष्ठ किया गया है, व पूरा डेंजर जॉन है जहाँ उत्खनन कार्य करना असंभव है । इसी कारण से खनन कार्य को रोक दिया गया है ।

इधर मामले को लेकर सालानपुर ईसीएल महाप्रबंधक प्रशांत कुमार से पूछने पर उन्होंने बताया कि आउटशोर्सिंग कंपनी को खनन कार्य नहीं बंद करना चाहिये था. जो भी समस्या है, कंपनी पक्ष को बैठकर वार्ता करना चाहिये।

बंद पड़े ऑफिस


उन्होंने कहा खदान में कोई भी डेंजर जॉन नहीं है, मैं अभी भी कार्यालय में कंपनी पक्ष से वार्ता करने के लिए बैठा हूँ, वार्ता के बाद समस्या का समाधान निकाला जायेगा । डाबर कोलियरी एजेंट मदन मोहन कुमार ने कहा आउटशोर्सिंग कंपनी ने बिना पूर्व सूचना के क्यों काम बंद किया पता नहीं है ।

फ़िलहाल जो भी हो प्रबंधन और आउटशोर्सिंग कंपनी की इस लड़ाई में ईसीएल को प्रतिदिन करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है, समाचार लिखे जाने तक कोलियरी का खनन कार्य पूर्ण रूप से ठप था ।

Last updated: जनवरी 1st, 2020 by Guljar Khan