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कोयला मंत्रालय की टीम ने अग्नि प्रभावित परियोजना व विस्थापन का लिया जायजा

लोयाबाद झरिया मास्टर प्लान अब तक फेल और देरी की मुख्य वजह रोजगार है।कोयला मंत्रालय की टीम ने माना कि अधिकांश लोग इसी वजह से विस्थापन नहीं हो पाए है।टीम की अगुवाई कर रहे केंद्रीय समिति सदस्य कृष्णा वत्स ने कहा कि कोयलाञ्चल में बसे लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़े हुए हैं। वे अपने रोजगार छोड़ कर जाना नहीं चाहते हैं। विस्थापन होने से उनका रोजगार छिनने का डर है। उन्होंने कहा कि इसलिए सर्वे की जा रही है। ताकि इसका हल निकाला जा सके। हर पहलुओं पर जाँच और मंथन होगा।फिर रिपोर्ट तैयार कर अधूरे पड़े झरिया मास्टर प्लान को अमली जामा पहनाया जा सके। टीम जब बाँसजोड़ा पहुँची तो व्यू प्वाइंट से बीसीसीएल के अधिकारियों के साथ अग्नि प्रभावित परियोजना का जायजा लिया, नक्शा का अवलोकन किया। फायर परियोजना और विस्थापितों के बारे में जानकारी हासिल की। तेतुलमुड़ी मौजा के रैयतों से बातचीत की।रयतो ने कहा करीब 55,72 एकड़ जमीनें बीसीसीएल को लेनी है। अबतक कागजी कार्यवाही की वजह से रयतो का मुआवजा रुका हुआ है। और अब पर जमीन नई आउटसोर्सिंग कम्पनी काम भी शुरू कर चुका है।अगर मुआवजा मिल जाता तो वे लोग जगह छोड़कर जाने को भी तैयार है। चूंकि गैस और धूल से जीना मुहाल हो गया है।टीम ने रैयतों को जल्द हल निकालने का आश्वासन दिया है। रैयतों में सुरेश महतो ,मनोज महतो अशोक चौहान, विष्णु महतो नौशाद आलम शामिल थे।

विस्थापन के सवाल पर हुआ दौरा:-सीएमडी

सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा कि विस्थापन को लेकर ही यह टीम दौरा कर रही है। कंपनी और सरकार इन सब बातों पर गौर कर रही है जल्द ही विस्थापन मुद्दों का समाधान निकाल लिया जाएगा। टीम में हुकुम सिंह के अलावा अन्य सदस्य शामिल थे। इनके साथ सीएमडी पीएम प्रसाद, एक्स सीएमडी शेखर शरण, डीटी चंचल गोस्वामी, सीएमपीडीआईएल के डायरेक्टर आनंदजी प्रसाद, जीएम पीएमपी जी ग्रीस, सिंजुआ जीएम पीके दुबे, एजेंट शहदेव मांजी, संजय सिंह, प्रबंधक सुमेधा नंदन एसओ विनोद कुमार सिन्हा एसके मित्रा, राम राजभर, ध नबाद डीडीसी सीओ हुकुम सिंह मीना पीएम उमंग ठक्कर आदि शामिल थे।

Last updated: सितम्बर 20th, 2021 by Pappu Ahmad