लोयाबाद बारिश से हुई बाँसजोड़ा में भूधँसान व गोप की भराई शुरू करा दी गई। मूर्र्मति कराने में पीओ जेके जायसवाल खुद लगे हुए हैं। हालांकि जमीन का धँसना अब भी जारी है।निर्माण किये जा रहे आरसीसी सड़क जमीन धसने से खिसक गया है।और दरार पड़ गया है। दरार की जगहों से गैस का रिसाव भी हो रहा है।जो लोगों के लिए दहशत बना हुआ है।कि कहीं कोई बड़ी घटना न हो जाये। इस घटना से बीसीसीएल को कई तरह का नुकसान हुआ है। पहला तो कोयला डिस्पैच बन्द है। यहाँ तेतुलमारी से रोजाना करीब तीन हजार टन कोयले का डिस्पैच बाँसजोड़ा से होती थी। दूसरा यह कि जर्जर पुल पर आरसीसी निर्माण दोबारा करना पड़ेगा, पुल को भी दोबारा बनाना पड़ेगा, पुल धंसने के बाद प्रबन्धन के मैनेजमेंट पर सवाल उठ रहा है।
जर्जर पुल पर बना दिया गया आरसीसी
यहाँ जर्जर पुल के ऊपर 13 लाख रुपये की लागत से आरसीसी सड़क की निर्माण किया जा रहा था,जमीन धसने के सड़क भी इसके जद में आगया है। बनाई जारही आरसीसी अपने जगह से खिसक गया है। यह सबसे बड़ा सवाल है कि भारी लागत से बनाई जा रही सड़क से पहले पुल का नए निर्माण क्यों नहीं किया गया।
जमीन धसने से पुल धंसा
करीब 20 साल पहले ह्यूम पाइप डालकर पुल का निर्माण किया गया था,पूल के साइड की दीवार में परियोजना का पत्थर का इस्तेमाल हुआ,पूल पहले जर्जर थी,अब इसी पुल के ऊपर से 13 लाख रुपये की लागत से करीब 70 मीटर आरसीसी की जा रही थी। इस आरसीसी में डिच बनाना मुख्य उद्देश्य था ,ताकि परियोजना के धूल व डस्ट से करकेन्द कतरास मुख्य डीबी सड़क को बचाया जा सके। जानकारों ने कहा कि जमीन धंसने से ह्युंम पाइप मुख्य नाले से हट गया।और बारिश का पानी जमीन धसने का कारण बन गया।सिंजुआ जीएम पीके दूबे के माने तो यह क्षेत्र फायर का आबादी नहीं होने से कोई चिन्ता की बात नहीं है।
बीसीसीएल अधिकारी पहुँच लिया जायजा
ज्ञात हो कि यहाँ पुल के पास करीब 9 फिट गोलाकार का गोप बन गया,गैस व धुंवे निकलने,सिंजुआ जीएम पीके दूबे सहित तमाम आला अधिकारी पहुँचकर आवाजाही को बन्द किया,अब इसपर मूर्र्मति कार्य किया जा रहा है।