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दसवें वेतन समझौते का रिव्यू करना होगा: एसके पांडेय

अपना वक्तव्य रखते हुये कोलियरी मजदूर कॉंग्रेस (हिन्द मजदूर सभा ) के महासचिव एसके पांडे

अपना वक्तव्य रखते हुये कोलियरी मजदूर कॉंग्रेस (हिन्द मजदूर सभा ) के महासचिव एसके पांडेय

” वर्षों के संघर्ष से जो अधिकार मजदूरों को मिले थे , उसे दसवें वेतन समझौते में छीनने का कोशिश किया गया है लेकिन हिन्द मजदूर सभा कोल इंडिया के इस मनमाने रवैये के खिलाफ आंदोलन तब तक करती रहेगी जब तक कि कोल इंडिया दसवें वेतन  समझौते को रिव्यू नहीं करती है ।”  उक्त बातें कोलियरी मजदूर कॉंग्रेस (हिन्द मजदूर सभा) के महामंत्री श्री एसके पांडेय ने आज कही। वे ईसीएल काजोड़ा एरिया के कुप्रबंधन और व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ एरिया कार्यालय के समक्ष  आयोजित धरना प्रदर्शन में बोल रहे थे । उन्होने इस धरना प्रदर्शन में शामिल श्रमिकों एवं श्रमिक प्रतिनिधियों को आगाह करते हुये कहा कि यदि आंदोलन की रफ्तार सुस्त की गयी तो पूरे ईसीएल में दो-तीन कोलियारियों को छोडकर सभी को बंद कर दिया जाएगा।

सरफेस पर तैनाती में होती है भारी गड़बड़ी

एसके पांडेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि जो श्रमिक खदान में काम करने के लायक नहीं होते हैं उन्हे हजार मिन्नतें करने के बाद भी प्रबंधन सरफेस के काम पर नहीं लगाता है  जबकि गलत तरीके से बिना किसी ठोस कारण के नए-नए कर्मचारियों को भी खदान से हटाकर सरफेस के काम पर लगा दिया जाता है।

डिसेन्ट हाउसिंग स्कीम के नाम पर हो रहा घोटाला

उन्होने कहा कि पूरे कॉल इंडिया के पैमाने पर श्रमिकों के क्वार्टरों की मरम्मत के लिए कई सौ करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। एक एक एरिया को 20 से 25 करोड़ रुपये मिले हैं । श्रमिकों के क्वार्टरों की अच्छी तरीके से मरम्मती के लिए , दरवाजे खिड़कियों को बदलने के लिए, खिड़कियों पर जाली लगाने , बाथरूम में  पत्थर एवं टॉइलेट सीट बैठाने के लिए करोड़ों रुपये आवंटित किए गए हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ खास  दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होने श्रमिकों से आह्वान किया कि यदि  क्वार्टरों की ठीक ढंग से मरम्मती नहीं हुयी है तो इसका  लिखित में शिकायत करें और उसकी प्रति यूनियन को भी दें।

ठेका मजदूरों को कम पैसा देना अपराधिक कार्य है

उन्होने कहा कि पूरे ईसीएल के पैमाने पर ठेका मजदूरों का शोषण किया जा रहा है । उन्हें कम मजदूरी दी जा रही है जो कि एक अपराधिक गतिविधि है । ठेका मजदूरों को “हाई पावर कमिटी ” के सिफ़ारिशों के अनुसार पैसा मिलना चाहिए। उन्होने श्रमिक प्रतिनिधियों से कहा कि वे इस पर नजर रखें कि किसी भी ठेका मजदूर को कम पैसा न मिले।

काजोड़ा एरिया में मजदूरों को नौकरी से डिसमिस आम हो गया है

उन्होने कहा कि पूरे ईसीएल के पैमाने पर किसी भी एरिया में मजदूर को बर्खास्त नहीं किया जाता  है जबकि काजोड़ा एरिया में गैर हाजिर होने के कारण मजदूर को बर्खास्त कर  देना , डिसमिस कर देना बहुत आम हो गया है।

अधिकारियों पर भी नजर रखना होगा

सभा में उपस्थित श्रमिक एवं श्रमिक प्रतिनिधि

महामंत्री एसके पांडेय ने कहा कि अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हैं । खदान के नीचे नहीं जाते हैं। खामियों को ठीक नहीं करते हैं और सुरक्षा के नाम प्रायः  कोलियरी को बंद कर दिया जाता है। अधिकारी की गलती का परिणाम मजदूर पर थोप दिया जाता है और कहते हैं मजदूर की वजह से कोलियरी बंद हो गयी। उन्होने श्रमिकों से कहा कि अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुये उन्हें अधिकारियों पर भी नजर रखना होगा और गड़बड़ी पाये जाने पर उनकी शिकायत करनी  होगी  ताकि प्रबंधन कि गलती से कोई भी कोलियरी बंद न होने पाये।

काजोड़ा में आजतक आईआई नंबर  34 लागू नहीं किया गया

श्रमिकों की पदोन्नति के लिए बनाए गए नियम आईआई नंबर  34 को काजोड़ा में आज तक  लागू नहीं किया गया नतीजतन किसी भी श्रमिक की  ठीक तरीके से पदोन्नति नहीं हुयी है एवं पदोन्नति में काफी गड़बड़ियाँ भी देखने को मिली है

अन्य वक्ताओं ने भी अपनी बात रखी

अपना वक्तव्य रखते हुये कोलियरी मजदूर कॉंग्रेस (हिन्द मजदूर सभा ) के सांगठनिक सचिव एवं काजोड़ा एरिया के सचिव विशुनदेव नोनिया

उनसे पूर्व के वक्ता सयुंक्त महा सचिव प्रफुल्ल चटर्जी , सांगठनिक सचिव सबे आलम, विशुनदेव नोनिया, उमेश मिश्रा , उपाध्यक्ष सफल सिन्हा ,  काजोड़ा एरिया प्रेसिडेंट बीरबहादुर सिंह,  कुनुस्तोरिया  एरिया सचिव  उदीप सिंह ने भी कोलियरी के मनमाने रवैये पर अपनी बात कही ।

सांगठनिक सचिव सबे आलम ने कहा कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार और कोलियरी प्रबंधन मिलकर मजदूरों का शोषण कर रहे हैं । मजदूरों के अधिकार छीन रहे हैं परंतु हम मजदूर अपने एकता के दम पर उनके इन मंसूबों को कामयाब होने नहीं देंगे । उन्होने कहा कि नाजायज मांगेगे नहीं और अपना जायज हक छोड़ेंगे नहीं। काजोड़ा एरिया प्रेसिडेंट बीरबहादुर सिंह  ने कहा कि काजोड़ा एरिया में अभी सबसे ज्यादा जुल्म ठेका श्रमिकों पर हो रहा है। ठेका श्रमिक को   “हाई पावर कमिटी ” के सिफ़ारिशों के अनुसार मंजूर 660  रुपए की मजदूरी नहीं मिल रही है । इन मजदूरों को 300 से 350 रुपए की मजदूरी देकर बाकी पैसे को ठेकेदार और प्रबंधन मिल कर खा रहे हैं । व्यवस्थापक सचिव विशुनदेव नोनिया ने कहा कि  काजोड़ा एरिया केवल एक ही यूनियन  के बुखार  से पीड़ित है। वह यूनियन  जो कि मजदूरों के हित में कोई भी काम नहीं करती है वैसे यूनियन  को काजोड़ा एरिया ने प्रश्रय देकर रखा है। दोनों मिलकर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुये हैं। कुनुस्तोरिया  एरिया सचिव  उदीप सिंह ने कहा कि मजदूरों की एकता ही प्रबंधन को जवाब देगी । मजदूरों को एकता बनाए रखना होगा नहीं तो प्रबंधन के मनमाने रवैये बढ़ते जाएँगे।

सभा के अंत में अध्यक्ष मुनाजिर हुसैन ने सभी श्रमिकों एवं श्रमिक प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हुये पूरी ताकत से मजदूर आंदोलन को जारी रखने का आह्वान किया ताकि कोई भी अधिकारी किसी भी श्रमिक का अधिकार हनन न कर पाये 

Last updated: फ़रवरी 17th, 2018 by Pankaj Chandravancee